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ट्विटर, फेसबुक और यूट्यूब पर अफवाह फैलाने वाले उपद्रवियों पर नजर रखने के लिए तमिलनाडु पुलिस ने मंगलवार को सोशल मीडिया टीमों का गठन किया।
तमिलनाडु के सभी शहरों और जिलों में एक टीम बनाई गई है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जाति, धार्मिक और राजनीतिक दुश्मनी से कोई टकराव न हो।
राज्य पुलिस विभाग ने 203 प्रशिक्षित पुलिस अधिकारियों को शामिल करते हुए ‘सोशल मीडिया कमेटियों’ का गठन किया है जो कंप्यूटर कौशल और साइबर फोरेंसिक में कुशल हैं।
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पुलिस महानिदेशक सिलेंद्र बाबू ने सोमवार को एक बयान में कहा कि वे फर्जी खबरों, अफवाहों, नफरत भरे संदेशों और साइबर अपराधियों के प्रसार पर नजर रखेंगे।
बयान में कहा गया है, “ऐसे लोगों पर कड़ी नजर रखने की जरूरत है जो गलत सूचना पोस्ट करते हैं और सोशल मीडिया जैसे यूट्यूब, ट्विटर, फेसबुक पर अफवाहें फैलाते हैं, जिससे लड़ाई, दंगे होते हैं और पुलिस विभाग की बदनामी होती है।”
“इसी तरह, इसमें शामिल लोगों को खोजने की जरूरत है” साइबर अपराध जैसे नशीली दवाओं की बिक्री, यौन अपराध, इंटरनेट पर मनी लॉन्ड्रिंग।”
विभिन्न पुलिस क्षेत्राधिकारों के दायरे में आने वाले नौ शहरों और 37 जिलों के लिए पुलिस अधीक्षक, साइबर अपराध शाखा के नेतृत्व में एक टीम होगी।
पुलिस विभाग के बयान में कहा गया है, “टीम सोशल मीडिया पर फर्जी पोस्ट फैलाने वाले बदमाशों की पहचान करने, उनके सोशल मीडिया अकाउंट्स को निष्क्रिय करने और साइबर अपराध के मामले दर्ज करने के लिए तेजी से कार्रवाई करेगी।”
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