[ad_1]
-सीमा कुमारी
सावन सोमवार व्रत (सावन सोमवार व्रत) का महत्व है। साल सावन का पहला व्रत 18 जुलाई को और अब दूसरा सावन व्रत 25 जुलाई को होगा। इस शानदार गेम और मुहूर्त के साथ यह भी हो गया है। जानें जानें️ सा️ सा️ सा️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️
शुभ मुहूर्त
शाम 03:04 बजे और दिन ‘मृगशिरा नक्षत्र’ रात 01:06 बजे तक।
‘ध्रुवीय योग’ जैसे स्थिर निर्माण आदि के लिए स्थायी है। यह योग और नक्षत्र अच्छा है। दिन का शुभ समय: दोपहर 12:00 बजे से दोपहर 12:55 बजे तक।
यह भी आगे
दूसरा सावन व्रत शुभ योग
सर्वार्थ सिद्धि योग
रात 05:38 बजे बजे तक
बुधादित्य योग
दिन सूर्य और बुध की युति से बुधादित्य योग का भी निर्माण हो रहा है।
अमृत सिद्धि योग
रात 05:38 बजे बजे तक
राजयोग
25 जुलाई शश और हंस भी बन रहा है। हंस राजयोग का संबंध देवता गुरु से है और शश राज योग पद धारण करने वाला है।
महत्व
सावन का कीट शिव की कृपा पाने के लिए सबसे अच्छा मौसम अनुकूल है। सावन के क्रम में व्रत का विशेष महत्व है। सावन के साथ 16 मंगलवार का व्रत संकल्प है। पुत्र का मनोकामना हो या मनचाहे वर की फिर से, पूरब के लिए सावन मंगल का व्रत है।
टाइप के अनुसार, देवी पार्वती ने शिव को पोस्ट में रखा है। माँ पार्वती के 16 मंगल का व्रत और तापमान टेस्टा से प्रसन्ना शिव ने माँ पार्वती को स्वीकार किया। इस से 16 व्रत का विशेष महत्व है।
[ad_2]
Source link