Kamika Ekadashi 2022 | ‘कामिका एकादशी’ के दिन भगवान विष्णु को चढ़ाएं ‘इस’ पौधे की मंजरी, मिलेगी नारायण की कृपा

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मोक्षदा एकादशी 2021

फाइल फोटो

-सीमा कुमारी

सनातन धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। एकादशी वर्ष ‘कामिका एकादशी’ (कामिका एकादशी) 24 घंटे पुराना है।

तमामकस, क्यू, तेरकसुएस क्योरस, क्यूथलस, सरायना

इसके श्रीहरि विष्णुजी की तिथि के अनुसार दिनांक दिनांक 14.1. इस व्रत को नियमित करें. ट्विट, कामिका एकादशी को तुलसी की मंजरियों से विष्णुजी की पूजा करने के लिए व्यक्ति के सभी पापों का नाश. इस बारे में –

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तुलसी की मंजरी से इस विधि से विष्णु की पूजा

‘कामिका एकादशी’ (कामिका एकादशी) के दिन तुलसी की मंजरी (तुलसी मंजरी) से विष्णु की पूजा शुभ और पुण्य विशेष। कीटाणुओं की पवित्रता के लिए श्रीहरि की पूजा की जाती है। इसके

इस बारे में धर्मग्रंथों में कहा गया है “या चित्रा निखिलाघसंगम स्पृष्ट वपुष्पावनी। रोगामभिवन्दिता निरसनी सिक्तान्तकत्रासिनी, प्रतीपगमन सत्तविविधायनी भगवत: कृष्णस्य संरोपिता। न्यास्त तच्चरणे विमुक्तिफलदा तस्यै तुलसीयै नम:।।’

दैहिक विषाणु के संपर्क में आने से संक्रमण होता है। इसे दिन-रात जलना। अफ़सार, नारी, kayrने से से से से rayrauraphak thaurauraumakuthaumauth प

जो ‘कामिका एकादशी’ का व्रत (कामिका एकादशी व्रत) रख सकते हैं, यह काम खान-पान और व्यवहार में पूर्ण होगा। ऐसा करने के लिए प्रतिबंध लगाया गया है। इस बात को भी ध्यान रखना चाहिए।



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