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जयपुर: इसके पीछे का रहस्य गलता गेट डकैती का मामला जल्द ही पुलिस टीम के साथ एक महत्वपूर्ण सुराग मिलने का दावा करने वाले का खुलासा हो सकता है।
सूत्रों ने कहा कि पुलिस की एक टीम ने कुछ संदिग्धों की भूमिका की पुष्टि करने के लिए उन्हें भी गिरफ्तार किया था।
डीसीपी (उत्तर) पेरिस देशमुख ने कहा कि पुलिस को कुछ आशाजनक सुराग मिले हैं और मामले की जांच की जा रही है। इस बीच शहर पुलिस की एक टीम अलग-अलग शहरों में गई थी। डकैती 24 अगस्त को हुई थी। पांच हथियारबंद लुटेरों ने आयकर अधिकारियों के रूप में एक व्यापारी के घर पर धावा बोल दिया, उसके परिवार को बंदी बना लिया और सूरजपोल अनाज मंडी के पास 50 लाख रुपये नकद और 1 किलो से अधिक सोना लेकर फरार हो गए।
पीड़ित सत्य नारायण तांबी ने कहा कि आरोपी शाम करीब साढ़े सात बजे आयकर विभाग का अधिकारी होने का नाटक कर उसके घर में घुसा था।
लुटेरों ने तुरंत हथियार निकाल लिए, तांबी के परिवार को बंदी बना लिया और कहा कि उनकी तलाश देर रात तक चलेगी।
आरोपियों ने तांबी के परिवार को भी बांध दिया था और उनके मुंह को टेप से ढक दिया था। फिर उन्होंने अपने पोते से कहा कि उन्हें यह दिखाने के लिए कि वे नकदी और आभूषण कहां पा सकते हैं। पुलिस टीमों ने विभिन्न सीसीटीवी की जांच की और पाया कि आरोपी एक छोटे से भगदड़ वाहन में संभवतः जाली नंबर प्लेट के साथ भाग गए थे।
सूत्रों का मानना है कि लुटेरों ने साजिश की साजिश रचने के लिए कई दिनों तक जयपुर में डेरा डाला था। सूत्रों का मानना है कि आरोपियों ने संभवत: कई दिन शहर के एक कमरे के अंदर अपनी योजना बनाने में बिताए थे।
सूत्रों ने कहा कि पुलिस की एक टीम ने कुछ संदिग्धों की भूमिका की पुष्टि करने के लिए उन्हें भी गिरफ्तार किया था।
डीसीपी (उत्तर) पेरिस देशमुख ने कहा कि पुलिस को कुछ आशाजनक सुराग मिले हैं और मामले की जांच की जा रही है। इस बीच शहर पुलिस की एक टीम अलग-अलग शहरों में गई थी। डकैती 24 अगस्त को हुई थी। पांच हथियारबंद लुटेरों ने आयकर अधिकारियों के रूप में एक व्यापारी के घर पर धावा बोल दिया, उसके परिवार को बंदी बना लिया और सूरजपोल अनाज मंडी के पास 50 लाख रुपये नकद और 1 किलो से अधिक सोना लेकर फरार हो गए।
पीड़ित सत्य नारायण तांबी ने कहा कि आरोपी शाम करीब साढ़े सात बजे आयकर विभाग का अधिकारी होने का नाटक कर उसके घर में घुसा था।
लुटेरों ने तुरंत हथियार निकाल लिए, तांबी के परिवार को बंदी बना लिया और कहा कि उनकी तलाश देर रात तक चलेगी।
आरोपियों ने तांबी के परिवार को भी बांध दिया था और उनके मुंह को टेप से ढक दिया था। फिर उन्होंने अपने पोते से कहा कि उन्हें यह दिखाने के लिए कि वे नकदी और आभूषण कहां पा सकते हैं। पुलिस टीमों ने विभिन्न सीसीटीवी की जांच की और पाया कि आरोपी एक छोटे से भगदड़ वाहन में संभवतः जाली नंबर प्लेट के साथ भाग गए थे।
सूत्रों का मानना है कि लुटेरों ने साजिश की साजिश रचने के लिए कई दिनों तक जयपुर में डेरा डाला था। सूत्रों का मानना है कि आरोपियों ने संभवत: कई दिन शहर के एक कमरे के अंदर अपनी योजना बनाने में बिताए थे।
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