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डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आने वाले नए साल के दौरान असुरक्षित छात्रों को उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक नई सुविधा मिल रही है। वर्ष 2023 में सांकेतिक छात्रों के लिए डिजिटल विश्वविद्यालय के रूप में जाना जाने लगा है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय डिजिटल विश्वविद्यालय शुरू करने के लिए सभी हितधारकों के साथ मिलकर काम कर रहा है। मंत्रालय का मानना है कि वर्ष 2023 से ही छात्रों को देश की पहली डिजिटल यूनिवर्सिटी का लाभ अनुपालन शुरू हो जाएगा।
खास बात यह है कि यह डिजिटल विश्वविद्यालय देश के अन्य सभी उच्च शिक्षण पाठ्यक्रमों और विश्वविद्यालयों से कनेक्टेड रहेगा। देश के सभी विश्वविद्यालय और उच्च शिक्षण संस्थान, यह डिजिटल विश्वविद्यालय के सहयोगी के रूप में काम करेगा।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक डिजिटल यूनिवर्सिटी में पैरवी से लेकर अन्य सभी आवेदनों के लिए ऑनलाइन माध्यमों की मान्यता दी जाएगी। डिजिटल यूनिवर्सिटी में छात्रों का डाटा भी ऑनलाइन होगा। डिजिटल यूनिवर्सिटी के छात्र परीक्षा भी ऑनलाइन माध्यम से देंगे। वहीं पढ़ाई का माध्यम भी ऑनलाइन होगा। छात्र शिक्षा मंत्रालय के पोर्टल स्वयं के माध्यम से भी ऑनलाइन नामांकन कर सकते हैं।
विश्वविद्यालय अनुदान के सैकड़ों एम जगदीश कुमार के अनुसार राष्ट्रीय डिजिटल विश्वविद्यालय के प्रोफेसर, हब एंड स्पोक मॉडल आयोग के गठन की संभावना है। इससे 12वीं कक्षा के सभी छात्र उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं।
प्रोफेसर कुमार का कहना है कि इस डिजिटल विश्वविद्यालय में छात्रों के लिए पैर रखने की सीमा की संख्या सीमित नहीं होगी। इसका लाभ सभी छात्रों को मिल सकता है। देश के हर हिस्से के छात्रों ने अपने कवर किए गए दस्तावेजों के लिए डिजिटल यूनिवर्सिटी में अकाउंट ले लिया।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक देश की इस आधुनिकतम डिजिटल यूनिवर्सिटी में छात्रों को मल्टीपल एंट्री और मल्टीपल एग्जिट जैसे ऑप्शंस मिलेंगे। शिक्षा मंत्रालय ने युवाओं की क्षमता रोजगार को बढ़ावा देने के लिए एक मजबूत उद्योग शिक्षा नीति और सामूहिक ²ष्टिकोण के साथ काम करने का आह्वान किया है।
शिक्षा मंत्रालय के अनुसार नए डिजिटल विश्वविद्यालय में छात्रों की सुविधा के लिए मल्टीपल एंट्री और एग्जिट विकल्पों के साथ एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट (एबीसी) की सुविधा भी उपलब्ध रहेगी। अटैचमेंट है कि यह विकल्प नई शिक्षा नीति के आधार पर लाइक किए जा रहे हैं।
एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट प्रत्येक छात्र को डिजिटल रूप में एक अनूठा व्यक्तिगत बैंक खाता खोलने की सुविधा प्रदान करता है। इसमें प्रत्येक खाताधारक छात्रों को एक विशिष्ट पहचान प्रदान की जाती है। एबीसी के प्रमुख कार्य, उच्च शिक्षण साइट का पंजीकरण और छात्रों के खाते में खाता खोलना, सत्यापन, क्रेडिट सत्यापन, क्रेडिट संग्रहण, क्रेडिट अटैचमेंट के बीच एबीसी को बढ़ावा देना है।
एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट उच्च शिक्षा में पढ़ने वाले छात्रों के लिए डिजिटल डाटा रिकॉर्डर रखता है। इसके लिए विशेषण और विश्वविद्यालयों को अपना पंजीकरण करना होगा। इसके बाद छात्रों का एकेडमिक बैंक में खाता खोला जाएगा।
खाता खोलने के बाद छात्रों को एक विशेष आईडी प्रदान की जाएगी। शिक्षण संस्थान के छात्रों को अकादमिक समस्या में उनके पाठ्यक्रम के आधार पर क्रेडिट अंक प्रदान किया जाएगा। इस तरह से घोषणा या फिर अन्य उच्च शिक्षा में पढ़ने वाले छात्रों का डेटा स्टोर करना शुरू हो जाएगा।
ऐसी स्थिति में यदि कोई छात्र किसी कारणवश बीच में ही पढ़ाई छोड़ देता है तो उसका क्रेडिट (टाइम सीक्वेंस) के होश से आपकी आंखें या डिग्री दी जाएगी। फर्स्ट ईयर पास करने पर पासवर्ड, वर्ष पास करने पर प्रवेश और कोर्स पूर करने पर डिग्री दी जाएगी।
एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, उनके पोर्टल पर कुल 854 विश्वविद्यालय और अन्य शिक्षण संस्थान पंजीकृत हैं। वहीं अब तक 48 लाख छात्रों की आईडी लीक हो चुकी है।
(चालू)
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