295 में से 219 ब्लॉकों में भूजल का अत्यधिक दोहन: राजस्थान सरकार | जयपुर न्यूज

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जयपुर : पीएचईडी मंत्री महेश जोशी बुधवार को कहा कि राज्य भूजल संरक्षण और प्रबंधन इसके शोषण को नियंत्रित करने के लिए जल्द ही प्राधिकरण का गठन किया जाएगा। जोशी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि ताजा के अनुसार भूजल मूल्यांकन रिपोर्ट 31 मार्च, 2022 तक राज्य के 295 प्रखंडों एवं सात नगरीय क्षेत्रों में से 219 प्रखंडों को अतिशोषित, 22 संवेदनशील, 20 अर्ध संवेदनशील एवं 38 सुरक्षित श्रेणी में वर्गीकृत किया गया है.
उन्होंने बताया कि शेष तीन प्रखंडों में भू-जल लवणता होने के कारण प्रतिवेदन में इन प्रखंडों का भू-जल आकलन नहीं किया गया है.
उन्होंने कहा कि प्रदेश में भू-जल दोहन चिंताजनक है और प्रदेश में 151 प्रतिशत दोहन हो रहा है। मंत्री ने बताया कि राज्य स्तर पर प्राधिकरण बनाने का प्रारूप कानून विभाग और वित्त विभाग को भेजा गया था और हाल ही में वहां से प्राप्त आपत्तियों का भी निस्तारण कर दिया गया है.
उन्होंने आश्वासन दिया कि राज्य सरकार द्वारा जल्द ही प्राधिकरण का गठन किया जाएगा। जोशी ने कहा कि वर्तमान में भू-जल दोहन के संबंध में कोई भी निर्णय राज्य सरकार द्वारा केंद्रीय भूजल प्राधिकरण के दिशा-निर्देशों के आधार पर ही लिया जाता है.
मंत्री ने कहा कि भूजल के समुचित उपयोग और औद्योगिक इकाइयों की सुविधा के लिए भूगर्भ जल संरक्षण एवं प्रबंधन प्राधिकरण के गठन की बजट घोषणा के अनुपालन में विभाग द्वारा मसौदा विधेयक तैयार किया गया है.



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