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डिजिटल, दिल्ली। , इस पावन माह में हर माह मंगला गौरी का व्रत है। सभी विवाहित महिलाएँ इस अखंड की संतान हैं। सावन का पहला गौरी व्रत आज तक मंगल ग्रह जा रहा है। इस दिन तीन तीन योग योग भी भी बन r हैं जिससे इस इस इस इस इस इस इस इस इस इस इस इस इस इस इस इस इस इस जिससे
सावन मंगला गौरी व्रत 2022
19 जुलाई- मंगला गौरी व्रत
26 जुलाई दूसरा मंगला गौरी व्रत
02- अगस्त मंगल ग्रह गौरी व्रत
09 अगस्त- मंगला गौरी व्रत
मंगला गौरी व्रत 2022 योग
सिद्धि योग-19 नवंबर 5.35 पूर्वाह्न से 12.12 बजे तक
सूर्य योग- 19 नवंबर 05.35 पूर्वाह्न से 12.12 बजे तक
सुकर्मा योग- 19 नवंबर 01.44 से सुबह शाम
मंगला गौरी व्रत
व्रत को सुहागिन महिलाएं अपने परिवार के सदस्य और घर की सुख-शांति के लिए काम करती हैं। इस दिन की छुट्टी। कन्या भ्रूण हत्या के लिए ठीक है। मंगला गौरी व्रत से संबंधित होने से यह भी जुड़ा हुआ है। इन सभी के साथ शुभ योगा देवी पार्वती की पूजा से हर कार्य हो सकता है।
मंगला गौरी पूजा विधि
जल जल उठकर स्नान के बाद जल्दकर्ण व्रत का चुनाव करते हैं। बाद वाले के घर में साफ-सफाई रखने के बाद यह एक लाल रंग वाला होगा और मां मंगला गौरी की फोटो होगा। मां पार्वती को कुमकुम, सिंदूर, लाल पुष्प, राई, धूप, दीप, नावेद्य, लोंग, इमल, कोनी, गर्म की तुलना में फला हुआ। अब माँ मंगला गौरी की कथा पढ़ें और फिर आरती कर शाम के व्रत का पररण करें।
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