[ad_1]
यह सप्ताह घटनापूर्ण रहेगा। छठ का लोकप्रिय त्योहार बिहार और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में मनाया जाएगा। इस सप्ताह एक महत्वपूर्ण गोचर मंगल का होगा क्योंकि उग्र ग्रह वृष राशि में वक्री हो जाएगा। शुभ मुहूर्तों की बात करें तो इस सप्ताह संपत्ति और वाहन की खरीद या पंजीकरण से संबंधित गतिविधियों की योजना बना सकते हैं क्योंकि चुनिंदा मुहूर्त उपलब्ध हैं। आइए नई दिल्ली, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, भारत के लिए इस सप्ताह के प्रमुख पंचांग विवरण देखें।
शुभ मुहूर्त इस सप्ताह
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, यदि किसी शुभ मुहूर्त के दौरान किसी कार्य को सफलतापूर्वक किया जाए तो उसके सफल होने की संभावना काफी बढ़ जाती है। एक शुभ मुहूर्त हमें हमारे भाग्य के अनुसार सर्वोत्तम संभव परिणाम प्रदान करता है यदि हम ब्रह्मांडीय समय के अनुरूप कार्य निष्पादित करते हैं। इसलिए किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत करते समय मुहूर्त का ध्यान रखना जरूरी है। विभिन्न गतिविधियों के लिए इस सप्ताह का शुभ मुहूर्त इस प्रकार है:
विवाह मुहूर्त: विवाह के लिए इस सप्ताह कोई शुभ मुहूर्त नहीं है
गृह प्रवेश मुहूर्त: गृह प्रवेश के लिए इस सप्ताह कोई शुभ मुहूर्त उपलब्ध नहीं है
संपत्ति खरीद मुहूर्त: संपत्ति के पंजीकरण या खरीद के लिए शुभ मुहूर्त 28 अक्टूबर (06:30 पूर्वाह्न से 10:42 पूर्वाह्न) और 3 नवंबर (12:49 पूर्वाह्न से 06:35 पूर्वाह्न, 04 नवंबर) को उपलब्ध है।
वाहन खरीद मुहूर्त: वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त 28 अक्टूबर (सुबह 06:30 से 10:33 बजे), 2 नवंबर (शाम 09:09 से 06:34 पूर्वाह्न, 03 नवंबर) और 3 नवंबर (सुबह 06:34 से 12:49 तक) है। एएम, 04 नवंबर)
आगामी ग्रह गोचर इस सप्ताह
वैदिक ज्योतिष में, ग्रहों का गोचर विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि वे जीवन में परिवर्तन और प्रगति का अनुमान लगाने का प्रमुख तरीका हैं। ग्रह दैनिक आधार पर चलते हैं और इस प्रक्रिया में कई नक्षत्रों और राशियों से गुजरते हैं। यह हमें घटनाओं की प्रकृति और विशेषताओं को समझने में सहायता करता है जैसे वे घटित होती हैं। यहाँ इस सप्ताह आगामी पारगमन हैं:
बुध और बृहस्पति 29 अक्टूबर शनिवार को रात्रि 11 बजे 150 अंश के अशुभ कोण पर हैं
बुध 30 अक्टूबर रविवार को दोपहर 01:01 बजे स्वाति नक्षत्र में प्रवेश करेगा
मंगल 30 अक्टूबर रविवार को शाम 6:54 बजे वक्री हो जाएगा
शुक्र 3 नवंबर गुरुवार को रात 8:56 बजे विशाखा नक्षत्र में प्रवेश कर रहा है
इस सप्ताह आने वाले त्यौहार
नगुला चविथी (शुक्रवार, 28 अक्टूबर): यह विशेष रूप से कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में कार्तिक महीने के दौरान दीपावली अमावस्या के बाद चौथे दिन मनाया जाता है। नगुला चविथी नाग देवताओं (नाग देवताओं) की पूजा करने का त्योहार है जो मुख्य रूप से विवाहित महिलाओं द्वारा अपने बच्चों की भलाई के लिए मनाया जाता है।
छठ पूजा (रविवार, 30 अक्टूबर): यह सबसे प्रमुख त्योहार है जो उत्तर भारतीय राज्य बिहार और उत्तर प्रदेश और नेपाल के कुछ क्षेत्रों में मनाया जाता है। छठ एक प्रसिद्ध त्योहार है जो हिंदू कैलेंडर माह “कार्तिका” के 6 वें दिन शुरू होता है। यह त्योहार सूर्य देव और उनकी पत्नी उषा की पूजा को समर्पित है।
सूर्यसंहारम (रविवार, 30 अक्टूबर): स्कंद षष्ठी, जिसे कांडा षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है, भगवान मुरुगन को समर्पित सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है। स्कंद षष्ठी मुख्य रूप से तमिल हिंदुओं द्वारा मनाई जाती है।
जलाराम बापा जयंती (सोमवार, 31 अक्टूबर): यह संत जलाराम बापा की जयंती है, जो गुजरात के एक हिंदू संत थे।
अशुभ राहु कलाम इस सप्ताह
वैदिक ज्योतिष के अनुसार राहु एक अशुभ ग्रह है। ग्रहों के संक्रमण के दौरान राहु के प्रभाव में आने वाले समय में कोई भी शुभ कार्य करने से बचना चाहिए। इस समय के दौरान शुभ ग्रहों को प्रसन्न करने के लिए पूजा, हवन या यज्ञ करना राहु के पापी स्वभाव के कारण बाधित होता है। कोई भी नया काम शुरू करने से पहले राहु काल पर विचार करना जरूरी है। ऐसा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति की संभावना बढ़ जाती है। इस सप्ताह के लिए राहु कलाम का समय निम्नलिखित है:
28 अक्टूबर: 10:41 पूर्वाह्न से 12:05 अपराह्न
29 अक्टूबर: 09:18 AM से 10:41 AM
30 अक्टूबर: 04:14 अपराह्न से 05:38 अपराह्न
31 अक्टूबर: 07:55 पूर्वाह्न से 09:18 पूर्वाह्न तक
नवंबर 1: 02:50 अपराह्न से 04:13 अपराह्न
2 नवंबर: 12:04 अपराह्न से 01:27 अपराह्न
नवंबर 3: 01:27 अपराह्न से 02:50 अपराह्न
पंचांग वैदिक ज्योतिष में प्रचलित ग्रहों की स्थिति के आधार पर दिन-प्रतिदिन के कार्यों को करने के लिए शुभ और अशुभ समय निर्धारित करने के लिए उपयोग किया जाने वाला कैलेंडर है। इसमें पांच तत्व शामिल हैं – वार, तिथि, नक्षत्र, योग और करण। पंचांग का सार दैनिक आधार पर सूर्य (हमारी आत्मा) और चंद्रमा (मन) के बीच का अंतर्संबंध है। पंचांग का उपयोग वैदिक ज्योतिष की विभिन्न शाखाओं जैसे कि जन्म, चुनाव, प्रश्न (हॉरी), धार्मिक कैलेंडर और दिन की ऊर्जा को समझने के लिए किया जाता है। हमारे जन्म का दिन पंचांग हमारी भावनाओं, स्वभाव और स्वभाव को दर्शाता है। यह इस बारे में अधिक जानकारी प्रदान कर सकता है कि हम कौन हैं और हम कैसा महसूस करते हैं। यह ग्रहों के प्रभाव को बढ़ा सकता है और हमें अतिरिक्त विशेषताओं के साथ प्रदान कर सकता है जिसे हम केवल हमारे जन्म चार्ट के आधार पर नहीं समझ सकते हैं। पंचांग जीवन शक्ति ऊर्जा है जो जन्म कुंडली का पोषण करती है।
———————–
नीरज धनखेर
(वैदिक ज्योतिषी, संस्थापक – एस्ट्रो जिंदगी)
ईमेल: info@astrozindagi.in, neeraj@astrozindagi.in
यूआरएल: www.astrozindagi.in
संपर्क: नोएडा: +919910094779
[ad_2]
Source link