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डिजिटल, दिल्ली। सुप्रतिष्ठित कथाकार, शिक्षाविद् और विचार स्व। जगन्नाथ प्रसाद चैबे वनमाली जी की 110 शक्ति पर आधारित वनमाली सृजन केंद्र के दो वैकल्पिक ‘तत्त्वीय विश्वविद्यालय’ का शुभारंभ आज रन्द्रनाथ टैगोर के शारदा सम्मेलन में होगा। इस राष्ट्रीय हाइट में अचंच, गांव-कस्तों में कला, साहित्य, संस्कृति, सामाजिक सरो की गुणवत्ता को प्रदूषण के लिए मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, राजस्थान, गुजरात, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, दिल्ली, उत्तर आदि में स्थापित किया गया है। 150 से अधिक वनमानी सृजनकर्ता के अध्यक्ष, संरचना निर्माता ने रचनात्मक भागीदारी की। इस पशु पर वनमाली व्यक्तित्व पर व्यक्तित्व पर आधारित होगा। डॉ. सिद्धार्थ चतुर्वेदी, आईसेक्ट ग्रुप आॅफ यूनिवर्सिटीज (एजीयू) की निदेशक डाॅ. आदिति चतुर्वेदी, वनमाली सृजनपीठ भोपाल के अध्यक्ष श्री मुकेष वर्मा, बुजुर्ग कवि श्री बलराम गुमास्ता सहित गणगणितविद।
वरिष्ठ कवि-कथाकार, विश्व रंग के आधार पर, वनमाली सृजना पीठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष, कुलाधिपति श्री संतोषी की स्थिति में स्वास्थ्य की स्थिति में ऐसी स्थिति से संबंधित जिला, स्वास्थ्य की स्थिति, गुणवत्ता के स्तर की स्थिति के हिसाब से बेहतर होगी। के साथ साहित्य, कला, संस्कृति केविवि, खोज, आविष्कार, दस्तावेज़ीकरण के लिए- I
वनमाली उत्पाद और सुपुत्र श्री संतोषी वैबे जी ने कहा कि सुप्रसिद्ध कथाकार विद्या शिक्षा विचारक सुप्रसिद्ध सिद्धांतकार विद्या शिक्षा विचारक, जगन्नाथ प्रसाद चैबेवनमाली जी के रचना और रचना एक वनमाली रचनाकार साहित्य, रचना और रचनाधर्मी है। , विगत वर्षों से परिपाटी और आधुनिकीकरण के बीच चलने के लिए सक्रिय रहना। इन तीन साल में वैनेमाली सर्जन ने सर्जना की रनिंग की। यह यात्रा अनवरत जारी है। वनमाली जी हमारे उत्तेजन विवरण। वनमाली जी के अब तक 150 से अधिक केंद्र देश भर में बन रहे हैं। आगे यह कहा गया है कि यह डोमेन डोमेन है। विदेषों में। विदेषी कीट अब भारत की विज्ञान और विज्ञान में रुचि रखते हैं। साहित्य एक परिपाटी है। विज्ञान पर भी हम काम करते हैं। हमने ये महसूस महसूस kasaumauth r औ rur के r प प r की r की r की r की r की r की r की r की r की r की r की r की r की r की r की कैमरे से पूरी तरह से मौसम से बाहर निकलने तक सुरक्षित हैं।
वनमाली सर्जना के धन उगाहने वाले ने श्रोताओं की कविताएं
इस पर बुजुर्ग कथाकार और वनमाली सर्जना पीठ, बिलासपुर के अध्यक्ष सतीश जायसवाल के मुख्य आतिथ और बुजुर्ग वरिष्ठ साहित्यकार सदस्य राम गुमास्ता इलैक्ट्रानिक आपके संपादक संपादक विनीता चैबे की संस्कृति में और कविता-पाठ्यक्रम में वनमाली सृजन और सृजन केन्द्रों के धनुर्धारियों में वर्सी सावन की रिम फुहारें।
लोइस पर डॉ विमल शर्मा (वैशाली) ने सावन का गीत ‘सावन आ गया है’, मनोहर बाथम (हहरिबाग) ‘न सुरों की सरहदें नन्दियों की सरहदें’, ‘कीचड़’ ‘आतंकी का अवलोकन’, आशिद दशविद्या ( रतलाम) ‘भविष्य हो’ ‘उसकी पसंद का फ्रंट, ‘खामोशी की आवाज’, संजय सिंह राठौर ‘बरसाती’ और ‘पिता होने वाला’, डॉ। मौसम परिचारक ‘सबके अपने-सब सचाई के तस मुठठी भरत मनभर विमान’ ‘पांच तत्व’ ‘तुमने जब’, विक्रांत भट्ट ‘चांद पर पानी’ ‘पहले से आगे’ और सुधीर सेकसेना, राजेंद्र शर्मा (मुंबई) , स्वाति तिवारी (इंदौर), संतोषी जैन (घोड़ा डोंगरी), ब्रजिल श्रीवास्तव (विदिशा), गोविंद शर्मा (खंडवा) मनोज शुक्ला (शापपुर), ओम यादव (देवास), क्लॉट्स (लखनऊ) जयसिंह गगन (सीधी), मिथेश गगन (सीधी), (शहडोल) सफिया सिद्धकी (अलीगढ़) सीमा शाहजी (थांदला), ने अपनी रचना सुनां। श्रेष्ठ ज्ञान विद्या नें.
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‘वनमाली’ जी ‘दस रिकॉर्ड’ बुक सहित शब्द का रंग का, ‘वनमाली कथा’, ‘विश्व रंग’, ‘रंग सामान्य’, ‘इलेक्ट्रॉनिक के लिए’, ‘वनमाली परिसंवाद’ अखबार, आपके सृजनपीठ का वनसर और आईसेक्ट प्रकाशन के नए स्थान का लोकार्पण द्वारा खोजा गया। ट्राउट यूथ अरुणेश शुक्ल ने.
2 अगस्त कार्यक्रम-
सुप्रसिद्ध विद्या
दिनांक 2 अगस्त 2022 (मंगलवार) को दोपहर 3ः00 बजे शाम 4: 30 तक मिसरोद में कलश की अध्यक्षता में कथाकार और वनमाली सृजन पीठ, भोपल के अध्यक्ष वर्मा की मंगल में मंगलमय सुप्रविमकार मंडला कर (खंडवा), शांतिलाल जैन ( उज्जैन), बलवटे, गोकुल सोनी, मलय जैन, घनश्यामा मैथिल ‘अमृत’, कुमार सुर और विजी शास्त्र पाठ पाठ। संचालन
गीत-गजल से गुलजार सुहानी शामः
5ः00 बजे से शाम 7:00 बजे तक पौड लाइटस की सभा में बुजुर्ग गीत एवं वनमाली सृजन पीठ, दिल्ली के अध्यक्ष लीलाधर मंडल मंडल के मुख्य आतिथ्य और बुजुर्गों के गीतकार डॉ. राम वल्लभ अंक की रेटिंग में देश के गुण गीतकार और गजलकार हिमेस कटरे ‘सुगम’, महेश अग्रवाल, बाल इक मसूद, ऋषि गुणी, मता बाजेपेयी, किशन तिवारी, अशोक निमल, अनु सपन, रेबेक नंद,
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