राज इंक बजट में सरकार से कर प्रोत्साहन चाहता है | जयपुर न्यूज

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जयपुर : विभिन्न उद्योग संगठनों के प्रतिनिधियों ने अपनी समस्याओं का जिक्र करते हुए राज्य सरकार से विभिन्न पहलुओं पर वित्तीय राहत देने और करों के भुगतान के सरलीकरण की मांग की.
उन्होंने आगामी के लिए एक सलाहकार बैठक में मांग उठाई बजट प्रमुख सचिव (वित्त) अखिल अरोड़ा की अध्यक्षता में शनिवार को सचिवालय में हुई बैठक में प्रदेश के प्रमुख औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधियों (2023-24) से.
बैठक में अरोड़ा ने कहा कि आगामी बजट को अधिक समावेशी, सामयिक और जनकल्याणकारी बनाने की दिशा में समाज के विभिन्न वर्गों से सुझाव आमंत्रित किये जा रहे हैं. गंभीर चर्चा के बाद इन्हें बजट में शामिल करने के हर संभव प्रयास किए गए। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा उद्योगों को दी जा रही विशेष प्राथमिकता की सराहना करते हुए मुख्य रूप से उद्यमियों को कम कीमत पर जमीन उपलब्ध कराने, सिंगल विंडो योजना को मजबूत करने, बुनियादी ढांचागत सुविधाएं उपलब्ध कराने और कम दरों पर पानी व बिजली उपलब्ध कराने की मांग रखी.
साथ ही, औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने राज्य में आयात विकल्प उत्पाद बनाने वाले उद्योगों को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ सौर और पवन ऊर्जा उत्पादकों के लिए विशेष प्रोत्साहन पैकेज की मांग की।
प्रतिनिधियों ने पेट्रोल और डीजल की वैट दरों में कमी, उपकर को समाप्त करने और टोल टैक्स में कमी की मांग की। उन्होंने कहा कि कई राज्यों की तर्ज पर राज्य में भी कुछ विशेष क्षेत्रों में टैक्स फ्री जोन बनाए जाएं. साथ ही औद्योगिक संगठनों को रीको के माध्यम से एमएसएमई क्षेत्र को रियायती दरों पर पहले आओ पहले पाओ के आधार पर भूमि आवंटित की जानी है। उन्होंने ओपन ई-टेंडर की प्रक्रिया को सरल बनाने पर भी जोर दिया।
औद्योगिक संगठनों ने भिवाड़ी को जिला बनाकर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) से बाहर करने की मांग की। महिला उद्यमी संगठनों ने महिला उद्यम पार्कों की स्थापना सहित महिला उद्यमियों के लिए बजट में विशेष रियायतों की घोषणा करने का सुझाव दिया। दूसरी ओर, युवा उद्यमियों के संगठनों ने स्कूलों में कैरियर परामर्श प्रकोष्ठ स्थापित करने और एसएमएस स्टेडियम को खिलाड़ियों के लिए विशेष आधुनिक सुविधाओं से लैस करने का सुझाव दिया। उद्यमियों ने रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए एकमुश्त रजिस्ट्री शुल्क लगाने सहित खनन उद्योगों के लिए डीजल खरीद पर कर रियायत की मांग की।



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