भारत बाल दिवस को दुनिया से आगे क्यों मनाता है? इतिहास और महत्व

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भारत में बाल दिवस हर साल 14 नवंबर को मनाया जाता है, जबकि विश्व बाल दिवस 20 नवंबर को मनाया जाता है।

पंडित नेहरू की मृत्यु के बाद, उनकी जयंती को बाल दिवस के रूप में मनाने के लिए भारतीय संसद में एक प्रस्ताव पारित किया गया था।

नेहरू को बच्चे प्यार से ‘चाचा नेहरू’ कहते थे। उनका मानना ​​​​था कि बच्चे एक राष्ट्र की असली ताकत हैं और उनकी सर्वांगीण शिक्षा की वकालत करते हैं।

बाल दिवस या बाल दिवस, पंडित नेहरू को श्रद्धांजलि देने के अलावा, बच्चों के अधिकारों, देखभाल और शिक्षा के बारे में जागरूकता बढ़ाना भी है।

विश्व बाल दिवस के बारे में

विश्व बाल दिवस की स्थापना 1954 में अंतरराष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने, दुनिया भर में बच्चों के बीच जागरूकता और बच्चों के कल्याण में सुधार के उद्देश्य से की गई थी।

उस दिन, 1959 में, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने बाल अधिकारों की घोषणा को अपनाया। उसी दिन, 1989 में, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने बाल अधिकारों पर कन्वेंशन को अपनाया।

20 नवंबर, 1990 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने बच्चों के अधिकारों पर घोषणा और कन्वेंशन को अपनाया।

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