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भारत का राजकोषीय घाटा जुलाई के अंत तक पूरे वित्त वर्ष 2022-23 के लक्ष्य का 20.5 प्रतिशत पर पहुंच गया। यह पिछले वर्ष (अप्रैल-जुलाई 2021) की इसी अवधि में दर्ज 21.3 प्रतिशत से कम है। नवीनतम आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, कुल मिलाकर, अप्रैल-जुलाई 2022 के दौरान राजकोषीय घाटा 3.41 लाख करोड़ रुपये रहा।
पूरे वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए, राजकोषीय घाटा (जो सरकार के कुल व्यय और राजस्व के बीच का अंतर है) 16.6 लाख करोड़ रुपये या सकल घरेलू उत्पाद का 6.4 प्रतिशत आंका गया है। पिछले वित्त वर्ष में यह 6.71 फीसदी थी।
बुधवार को जारी लेखा महानियंत्रक (सीजीए) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल-जुलाई 2022 के दौरान सरकार का कुल खर्च 11.26 लाख करोड़ रुपये रहा, जो कि इसी बीई 2022-23 का 28.6 प्रतिशत है। एक साल पहले की समान अवधि में यह 28.8 फीसदी था।
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