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जयपुर : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शुक्रवार को की लड़ाई करार दिया कांग्रेस साथ बी जे पी विचारधारा का है।
उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार संविधान की मूल भावना के अनुरूप काम नहीं कर रही है।
गहलोत ने बाबासाहेब की जयंती पर यहां अंबेडकर सर्कल स्थित उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं, लोकतंत्र खतरे में है.
“हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती संविधान की रक्षा करना और लोकतंत्र को मजबूत रखना है। बीजेपी देश को संविधान की मूल भावना से नहीं चला रही है, इसलिए आज लोकतंत्र के खतरे की बात हो रही है.’
उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी देश को एक रखने के लिए अपना जीवन दे दिया, और राजीव गांधी शहीद हो गया। ऐसे में इस देश में हम सभी का यह संकल्प होना चाहिए कि हम बाबासाहेब अंबेडकर के सपनों और भावनाओं पर चलें। उन्होंने लोगों से अहिंसा का मार्ग अपनाने का भी आह्वान किया।
उन्होंने संविधान की मूल भावना और उसमें वर्णित कर्तव्यों का जिक्र करते हुए कहा कि यदि सभी लोग और राजनीतिक दल इन सिद्धांतों का पालन करें तो देश की आधी आंतरिक समस्याओं का समाधान हो जाएगा।
गहलोत ने अस्पृश्यता को मानवता पर कलंक बताते हुए कहा कि यदि आज भी छुआछूत का पालन किया जाता है तो यह मानवता पर कलंक है। उन्होंने जवाहर कला केंद्र में डॉ अंबेडकर के जीवन पर एक कला प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया।
उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार संविधान की मूल भावना के अनुरूप काम नहीं कर रही है।
गहलोत ने बाबासाहेब की जयंती पर यहां अंबेडकर सर्कल स्थित उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं, लोकतंत्र खतरे में है.
“हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती संविधान की रक्षा करना और लोकतंत्र को मजबूत रखना है। बीजेपी देश को संविधान की मूल भावना से नहीं चला रही है, इसलिए आज लोकतंत्र के खतरे की बात हो रही है.’
उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी देश को एक रखने के लिए अपना जीवन दे दिया, और राजीव गांधी शहीद हो गया। ऐसे में इस देश में हम सभी का यह संकल्प होना चाहिए कि हम बाबासाहेब अंबेडकर के सपनों और भावनाओं पर चलें। उन्होंने लोगों से अहिंसा का मार्ग अपनाने का भी आह्वान किया।
उन्होंने संविधान की मूल भावना और उसमें वर्णित कर्तव्यों का जिक्र करते हुए कहा कि यदि सभी लोग और राजनीतिक दल इन सिद्धांतों का पालन करें तो देश की आधी आंतरिक समस्याओं का समाधान हो जाएगा।
गहलोत ने अस्पृश्यता को मानवता पर कलंक बताते हुए कहा कि यदि आज भी छुआछूत का पालन किया जाता है तो यह मानवता पर कलंक है। उन्होंने जवाहर कला केंद्र में डॉ अंबेडकर के जीवन पर एक कला प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया।
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