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नई दिल्ली: इस तरह के एक विशेष नाम ‘नारिकिकल’ हैं। हॉल में जाने के लिए ‘नारिकेलिकम’ का बड़ा महत्व है। यह एक विशेष प्रकार के त्योहार के दिन है। इस साल 12 अगस्त, शुक्रवार के दिन है। मौसम में ‘नारिकेल पूर्णिमा’ के मौसम में देवता वरुण ग्रह की पूजा करते हैं। इस ‘नारिकल पूर्णिमा’ के बारे में कुछ खास बातें..
‘नाइकल पूर्णिमा’ के शुभ दिन पूर्णिमा के दिन शुभ होने पर प्रसन्नता होगी। महाराष्ट्र के ‘श्रावणी उपकर्म’। ️️️ इसलिए, महाराष्ट्र और कोंकण क्षेत्र में, श्रावण पूर्णिमा के दिन को ‘नारिकेल्म’ के रूप में भी जाना जाता है। प्राकृतिक प्रकृति के प्राकृतिक व्यक्तित्व का आदर और कृतिकृताता के लिए प्राकृतिक प्रकृति के लक्षण हैं। कोनी पूर्णिमा ‘नार्ली पौर्णिमा’ के रूप में भीभिग्र है।
नरली पूर्णिमा शुभ मुहूर्त
कलैक् जुलाई 12 अगस्त 2022 (शुवार) को मैई जा रहा है। दिनांक दिनांक 11 बजे सुबह 10:38 बजे शुरू होगा और 12 अगस्त को शाम 7:05 बजे समाप्त होगा। इस प्रकार नारली पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त है।
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नर्ली पौर्णिम मंत्र
बैठक के लिए बुलाए जाने के लिए कि नारली पूर्णिमा पर्व में समय बिताने के लिए – ॐ वं वरुणाय नमःअगर आप पूजा कर रहे हैं तो यह सही है।
ये है नार्ली का महत्व
नारली के मौसम में मौसम का मौसम होता है। मछुआरे (मछुआरे) वरुण (भगवान वरुण) के अनुकूल हैं। ️ अपनी त्वचा में रहने के बाद उनकी पूजा करेंगें. परिवार के साथ शादी के अवसर हैं।
इस पसंद के साथ अच्छा है, दोस्तों और परिवार के साथ अच्छा है। यह काम करने में ही सक्षम होता है। साथ ही गायन और इस त्योहार का मुख्य आकर्षण है।
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