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चूंकि डीएनए विश्लेषण का आदेश दिया गया है, इसलिए चिकित्सा शिक्षा विभाग मामले पर पैनी नजर रखे हुए है।
चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव वैभव गलरिया ने कहा कि अस्पतालों में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए निर्देश जारी किए गए हैं। अधिकारियों ने कहा कि कथित “बच्चों की अदला-बदली” 1 सितंबर को महिला चिकित्सालय में हुई थी। अधिकारियों ने कहा कि एफएसएल से तत्काल आधार पर डीएनए विश्लेषण करने का अनुरोध किया गया है। उन्होंने कहा कि विश्लेषण का परिणाम तीन दिनों में आने की उम्मीद है।
महिला चिकित्सालय के अधिकारियों ने कहा है कि डीएनए विश्लेषण रिपोर्ट आने तक दोनों महिलाएं और उनके बच्चे अस्पताल में भर्ती रहेंगे। अस्पताल में बच्चे और उनकी मां अलग-अलग रह रहे हैं।
शिशुओं को अस्पताल की नर्सरी में विशेषज्ञों की देखरेख में रखा गया है।
घटना को ‘मानवीय भूल’ करार देते हुए अस्पताल प्रशासन ने महिला के जन्म के तीन दिन बाद तीन सितंबर को एक नवजात बच्चे को उसके कब्जे से यह कहते हुए वापस ले लिया था कि उसने एक बच्ची को जन्म दिया है न कि बच्चे को। लड़का।
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