टैक्स के पैसे का इस्तेमाल धार्मिक स्थलों के निर्माण में नहीं होना चाहिए: राजस्थान हाईकोर्ट

[ad_1]

राजस्थान उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि करदाताओं के पैसे का इस्तेमाल धार्मिक प्रकृति के भवन के निर्माण के लिए नहीं किया जाना चाहिए और निर्देश दिया कि जोधपुर जिले के मंडोर गांव में दरगाह के प्रस्तावित निर्माण पर रोक लगाई जाए।

न्यायमूर्ति संदीप मेहता और राजेंद्र प्रकाश सोनी की खंडपीठ हरियाली और प्राकृतिक पर्यावरण विकास संस्थान द्वारा दायर एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई कर रही थी, जिसने जोधपुर विकास प्राधिकरण की कार्रवाई की वैधता और वैधता पर सवाल उठाया था। मंडोर की दरगाह।

पीठ ने कहा, “रिट याचिका में अन्य बातों के साथ-साथ यह आरोप लगाते हुए चुनौती के विभिन्न आधार निर्धारित किए गए हैं कि विचाराधीन परियोजना की योजना उस भूमि पर बनाई जा रही है जिसे वन क्षेत्र घोषित किया गया है और इसलिए उस पर निर्माण नहीं किया जा सकता है।”

खंडपीठ ने अतिरिक्त महाधिवक्ता संदीप शाह को वन विभाग की ओर से एक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया, जिसमें कहा गया है कि क्या वन भूमि पर कोई अतिक्रमण मौजूद है और यदि कोई हो तो उसे हटाने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं।

पीठ ने कहा, ‘हमारी प्रथम दृष्टया राय है कि करदाताओं के पैसे का इस्तेमाल धार्मिक प्रकृति की इमारत के निर्माण के लिए नहीं किया जाना चाहिए।’

[ad_2]

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *