जावेद अख्तर | महिलाओं को भी एक से ज्यादा पति रखने का हक : जावेद शर्त के बयान पर छिड़ी जंग

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मुंबई: बॉलीवुड के मशहूर लेखक जावेद अख्तर (जावेद अख्तर) अपने बयानों के चलते सुर्ख़ियों में रहते हैं। अब उन्होंने एक बार फिर एक सन्दर्भ दिया। हाल में दिए गए एक इंटरव्यू में जावेद शर्त ने कहा कि, जब (मुस्लिम) मर्द को एक बार में एक से ज्यादा पत्नी रखने का हक है तो और क्यों नहीं। जावेद अख्तर ने कहा कि, ये बराबरी के खिलाफ है।

अब लेखक के गलत बयानों से बवाल मच गया है। इसी दौरान लखनऊ में ऑल इंडिया शिया चांद कमेटी के अध्यक्ष मौलाना सैयद सैफ अब्बास नकवी (लखनऊ मौलाना सैफ अब्बास) ने आपत्ति जताई है। मौलाना ने जावेद अख्तर (जावेद अख्तर) से जोखिम की मांग की है।

हाल ही में एक मीडिया इंटरव्यू में जावेद अख्तर समान नागरिक संहिता (कॉमन सिविल कोड) को लेकर बात कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा, “जो दिल से महसूस करता है कि उसे रहना चाहिए (कॉमन सिविल कोड में)। मेरी बेटी है और मेरा बेटा है।” जो भी मेरी संपत्ति है, उसमें दोनों समान हैं…कॉमन सिविल कोड का मतलब ये नहीं है कि सभी समुदायों का एक कानून हो, इसका मतलब ये है कि और मर्द के लिए भी एक कानून हो।”

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जावेद अख्तर (जावेद अख्तर) ने आगे कहा, “ये ज़रूर है कि ये जो द्विविवाह (बाइगेमी) है। एक से ज्यादा बीवी, ये बराबरी नहीं कर रही। या तो फिर औरत को भी इजाजत दें कि एक घंटे में एक से ज्यादा पति हो। ये समानता के खिलाफ है और ये हमारे कानून के खिलाफ होने वाली बात है।”

जावेद के इस बयान पर सैफ अब्बास नकवी ने आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि, “यह बयान करता है। एक कंजेशन में महिलाओं को कई पति रखने का मशवरा दिया जाता है। इसका ज्यादा से ज्यादा विरोध वह कम करता है। हिंदुस्तान में ऐसे कुछ लोग मीडिया में उल जलूल बयान देते हैं, जिससे वह मीडिया में बने रहें। मुझे लगता है कि इस बयान पर हमारे देश की महिलाओं को कड़ा विरोध करना चाहिए।”

सैफ अब्बास नकवी ने कहा कि, “जावेद सशर्त ने इस बयान के जरिए हमारे देश की तहजीब पर हमला किया है। आप देख सकते हैं कि कोई भी महिला चाहे उसका पति कैसा भी हो, ही उसके साथ अत्याचार करती हो तो भी कभी भी महिला दूसरा विवाह करने के बारे में सोचती नहीं। वह उसी रिश्ते को निभाना चाहता है। वहां इस तरह का मशविरा होना अफसोसनाक है। निंदनीय है।”

मौलाना ने कहा कि, “मुझे लगता है कि पूरे देश की महिलाओं को एक साथ मिलकर इसके खिलाफ आवाज उठानी चाहिए और जावेद शर्तों को उस समय तक नहीं छोड़ना चाहिए जब तक कि वह पूरे देश की महिलाओं से मजाक न मांगे लें।”



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