कृष्ण जन्माष्टमी: भरतपुर में 101 क्विंटल पंचामृत से बांके बिहारी का आराम,

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ललितेश कुशवाहा/भरतपुर। देश भर में कृष्ण जन्माष्टमी (कृष्ण जन्माष्टमी त्योहार) को भक्तो में उत्साह है। राजस्थान के भरतपुर के लोहगढ़ नियंत्रण में श्री बांके बिहारी जी मंदिर (श्री बांके बिहारी मंदिर) भारत में भारत के प्रमुख हैं। मंदिर में श्री कृष्ण व राधा रानी की रानी विराजमान है। भरतपुर ब्रज के होने की वजह से जन्माष्टमी धूम धाम से मैनेई है।

मंदिर के महंत मनोज भारद्वाज (मनोज भारद्वाज) ने इस बार बार कृष्ण प्रदर्शन कर रहे हैं। बार बांके बिहारी मंदिर में स्वरूप सज्जा प्रतिद्वंदी, भजन सय, इंडिविजुअल प्लेइंग्स योगयोजित। विशेष के साथ अष्टमी की रात्रि में सुमेलित श्री बांके बिहारी जी का दूध, दही, शुक, शक्कर आदि से 101 क्विंटल पंचामृत (101 क्विंटल) से संबंधित शुभंकर रात्री 12 बजे महाआरती की कार्रवाई। जन्माष्टमी के दिन श्री बांके बिहारी जी के दर्शन दूर दूर से हैं। , साथ ही सुरक्षा की दृष्टि से निगरानी रखना भी सावधान रहें।

इस बार मनगे 520048 वा कृष्ण गृहगृह
मंदिर के महंत मानव मुद्गल (मनु मुद्गल) ने जानकारी दी कि श्री कृष्ण कृष्ण पिता हैं। तारीख़ दिनांक 12 बजे तिथि होने की तिथि से पहले इस बार 19 जुलाई को. इस जन्माष्टमी हर्षोल्लास के साथ-साथ. इस विषय पर चर्चा करें। इस पर्व पर प्रसन्न होने के लिए श्री कृष्ण के श्री कृष्ण प्रसन्न होंगे। तकनीकी पर हारी पर्व व श्री कृष्ण रासली का आनंद भी। भरतपुर के श्री बांके बिहारी जी मंदिर का पुन: कार्य चालू है। देवस्थान विभाग की ओर से इस निर्माण का मूल्य 10 करोड़ डॉलर है।

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