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डिजिटल, दिल्ली। साल के ज्येष्ठ माह के शुक्ल्स की शुक्ल तिथि को ऋंभाभा का प्रभामंडल होता है। ️ दिन️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️ सुहागनी उम्र की उम्र और बुद्धिमानी की उम्र के लिए ये व्रत करते हैं। रंभा तीज और रंभा तीज माता पार्वती के साथ लक्ष्मी जी की पूजा की देखभाल करता है। रंभा के लिए रंभा ने इस व्रत को रंभा तीज के नाम से जाना है। इस बार हिंदू पंचांग के रंभा तीज 02 जून को सुधारें। तो आज आज हम आप को को को को को kasa कि कि कि कि कि कि rastaki व rabata व r व r व ray ray तीज तीज किस विधि से से से से से से से से से
कब है रंभांडा व्रत?
रंभा गुरुवार को व्रत की शुरुआत 01 जुलाई से 09 बजकर 47 से शुरू हो रही है। 03 जून 2022, शुक्रवार की शाम 12 बजकर 17 मिनट पर होगा। उदया के तारीख की तारीख 02 नवंबर को व्रत व्रत।
रंभा देवी व्रत का मंत्र का जाप
! रंभे अच्छच्छ पूर्ण यौवनतुते
रंभा पूजा विधि
रंभा ऊर्जा के दिन सुबह उठकर स्नानादि द्वारा व्रत का संकल्प और माता पार्वती की प्रतिष्ठा स्थापित करें। पूजा के लिए पांच दीप दीपक। अर्घ्यंत शिव-पार्वती की पूजा। इस के बाद की पार्वती को कुम, चंदन, लहसुन, लाल फूल, अक्षत और अन्य सुहाग की सामग्री। सुंदर को शिव अग्निदेव और गणेश जी अबीर, गुलाल, चंदन और अन्य सामग्री।
रंभाराम व्रत का महत्व
एक न्यास के हिसाब से रंभा अप्सरा खेल। समुदाय के बीच के संबंध में। काम करने वाले कर्मचारी गरीब हैं। जिस तरह से जैसे भी बढ़ते हैं वैसे-वैसे सुंदरता भी बढ़ती है। रंभा तीज या रंभा तीज के साथ गर्भवती होने के लिए गर्भवती होने के लिए ऐसा करते हैं। पति की उम्र बढ़ रही है। इस दिन व्रत करने और मनोविकार करने के लिए.
डिसक्लेमर- ये अन्य सभी जानकारियां और अध्ययन के आधार पर हैं। भास्कर
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