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‘कांतारा’ ने अपने दमदार कंटेंट के लिए भारतीय सिनेमा में इतिहास रच दिया। कहानी को तीन समय अवधियों- 1840, 1970 और 1990 के दशक में सेट किया गया था। ऋषभ शेट्टी ने दैवा बूटा के इतिहास की कहानी का विवरण बहुत गहन था, दर्शकों को बांधे रखा। ग्रामीण कर्नाटक और उनके सांस्कृतिक इतिहास में स्थापित वास्तविक कहानियों ने दुनिया भर के दर्शकों का ध्यान आकर्षित किया और उन्हें उनकी सांस्कृतिक पृष्ठभूमि और उनके मूल स्थानों में पूर्वजों की कहानियों की याद दिलाई।
छवि सौजन्य: फेसबुक
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