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जयपुर : विगत दो वर्षों की क्षमा योजना के क्रम में नई योजना से 30 सितम्बर, 2023 तक अधिक राहत एवं लाभ प्रदान किया जायेगा. बजट प्रस्तावों ने कहा।
अंतर्गत टब माफी, डीलर वैट और सीएसटी से संबंधित 1 लाख रुपये तक की मांगों की माफी के हकदार होंगे। उन्हें बिक्री एवं भुगतान का प्रमाण प्रस्तुत करने पर अंतर्राज्यीय बिक्री पर घोषणा पत्र जमा नहीं करने पर भी राहत मिलेगी। बिक्री और भुगतान के प्रमाण के अभाव में मांग के 10% के भुगतान पर ब्याज, जुर्माना और शेष कर राशि माफ कर दी जाएगी।
20% जमा करने वाले डीलरों को विवादित राशि पर राहत मिलेगी। स्टैंप ड्यूटी एमनेस्टी के तहत बकाया मांग पर 60 फीसदी तक की राहत के साथ टैक्स और पेनाल्टी में 100 फीसदी छूट मिलेगी. परिवहन माफी के तहत 31 दिसंबर 2022 तक बकाया मोटर वाहन कर के भुगतान पर सभी मामलों में ब्याज और जुर्माने की शत-प्रतिशत छूट प्रदान की जाएगी।
आबकारी माफी के तहत 31 मार्च 2022 तक लम्बित सभी प्रकरणों में ब्याज की शत-प्रतिशत छूट दी जायेगी। 31 मार्च, 2018 तक लम्बित सभी प्रकरणों में कर राशि पर 50 प्रतिशत की छूट दी जायेगी, जबकि वर्ष 2021-22 के बकाया कर पर 50 प्रतिशत की छूट होगी। बजट में रीको क्षेत्रों की औद्योगिक इकाइयों के लिए सेवा शुल्क एवं आर्थिक किराये के एक मुश्त निपटान पर ब्याज में 100 प्रतिशत छूट देने का प्रस्ताव है।
अंतर्गत टब माफी, डीलर वैट और सीएसटी से संबंधित 1 लाख रुपये तक की मांगों की माफी के हकदार होंगे। उन्हें बिक्री एवं भुगतान का प्रमाण प्रस्तुत करने पर अंतर्राज्यीय बिक्री पर घोषणा पत्र जमा नहीं करने पर भी राहत मिलेगी। बिक्री और भुगतान के प्रमाण के अभाव में मांग के 10% के भुगतान पर ब्याज, जुर्माना और शेष कर राशि माफ कर दी जाएगी।
20% जमा करने वाले डीलरों को विवादित राशि पर राहत मिलेगी। स्टैंप ड्यूटी एमनेस्टी के तहत बकाया मांग पर 60 फीसदी तक की राहत के साथ टैक्स और पेनाल्टी में 100 फीसदी छूट मिलेगी. परिवहन माफी के तहत 31 दिसंबर 2022 तक बकाया मोटर वाहन कर के भुगतान पर सभी मामलों में ब्याज और जुर्माने की शत-प्रतिशत छूट प्रदान की जाएगी।
आबकारी माफी के तहत 31 मार्च 2022 तक लम्बित सभी प्रकरणों में ब्याज की शत-प्रतिशत छूट दी जायेगी। 31 मार्च, 2018 तक लम्बित सभी प्रकरणों में कर राशि पर 50 प्रतिशत की छूट दी जायेगी, जबकि वर्ष 2021-22 के बकाया कर पर 50 प्रतिशत की छूट होगी। बजट में रीको क्षेत्रों की औद्योगिक इकाइयों के लिए सेवा शुल्क एवं आर्थिक किराये के एक मुश्त निपटान पर ब्याज में 100 प्रतिशत छूट देने का प्रस्ताव है।
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