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जयपुर : कोहराम मच गया गजुका पहाड़ी थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाला गांव भरतपुर मंगलवार को जब ग्रामीणों ने आठ बंदरों के शव देखे।
स्थानीय लोगों ने मामले की निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए आरोप लगाया कि बंदरों को मार कर उनकी लाशों को इलाके में फेंक दिया गया।
पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू की। प्राथमिक जांच में पता चला है कि या तो बंदर फूड प्वाइजनिंग के शिकार थे या फिर उन्हें कुछ लोगों ने जानबूझ कर जहर दिया था।
पुलिस के अनुसार, गजुका गांव में जब लोगों ने शिशुओं सहित बंदरों के शव देखे तो लोग जमा हो गए। स्थानीय लोगों ने पुलिस को बताया कि बंदरों को इसलिए मारा गया क्योंकि लाशों पर चोट के निशान थे। “पोस्टमार्टम मेडिकल बोर्ड के माध्यम से किया जाएगा। स्थानीय लोगों की शिकायत के बाद हमने जांच शुरू की है।’
उनके शरीर पर चोट के निशान हैं और यह स्पष्ट है कि वे स्वतंत्र रूप से घरों में प्रवेश कर रहे थे और यही कारण हो सकता है कि कुछ लोगों ने उन्हें मार डाला। शहजाद खानपहाड़ी थाना क्षेत्र के गजुका गांव का रहने वाला है।
डॉक्टरों से बात करने पर पता चला कि या तो बंदर बासी खाना खाकर फूड पॉइजनिंग के शिकार हो गए या फिर उन्हें कुछ लोगों ने जानबूझकर जहर दिया। हम पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं।’
पिछले साल यहां 15 बंदरों के शव मिले थे जुर्हेरा क्षेत्र, भरतपुर जिले में पहाड़ी क्षेत्र से 20 कि.मी.
स्थानीय लोगों ने मामले की निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए आरोप लगाया कि बंदरों को मार कर उनकी लाशों को इलाके में फेंक दिया गया।
पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू की। प्राथमिक जांच में पता चला है कि या तो बंदर फूड प्वाइजनिंग के शिकार थे या फिर उन्हें कुछ लोगों ने जानबूझ कर जहर दिया था।
पुलिस के अनुसार, गजुका गांव में जब लोगों ने शिशुओं सहित बंदरों के शव देखे तो लोग जमा हो गए। स्थानीय लोगों ने पुलिस को बताया कि बंदरों को इसलिए मारा गया क्योंकि लाशों पर चोट के निशान थे। “पोस्टमार्टम मेडिकल बोर्ड के माध्यम से किया जाएगा। स्थानीय लोगों की शिकायत के बाद हमने जांच शुरू की है।’
उनके शरीर पर चोट के निशान हैं और यह स्पष्ट है कि वे स्वतंत्र रूप से घरों में प्रवेश कर रहे थे और यही कारण हो सकता है कि कुछ लोगों ने उन्हें मार डाला। शहजाद खानपहाड़ी थाना क्षेत्र के गजुका गांव का रहने वाला है।
डॉक्टरों से बात करने पर पता चला कि या तो बंदर बासी खाना खाकर फूड पॉइजनिंग के शिकार हो गए या फिर उन्हें कुछ लोगों ने जानबूझकर जहर दिया। हम पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं।’
पिछले साल यहां 15 बंदरों के शव मिले थे जुर्हेरा क्षेत्र, भरतपुर जिले में पहाड़ी क्षेत्र से 20 कि.मी.
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