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जयपुर: राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (एनसीएससी) के अध्यक्ष विजय सांपला उन्होंने कहा कि समाज में अनुसूचित जाति के लोगों पर हो रहे अत्याचार की शिकायतें उचित मंच तक नहीं पहुंचती हैं और इसलिए सामाजिक संगठनों को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए। उन्होंने कहा कि समाज को अनुसूचित जाति के लोगों के प्रति भेदभाव की मानसिकता से बाहर निकलने की तत्काल आवश्यकता है।
वह बुधवार को कलेक्ट्रेट सभागार में राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि इन दिनों आयोग को अनुसूचित जाति के खिलाफ घटनाओं के बारे में सोशल मीडिया के माध्यम से पता चलता है और आयोग द्वारा 95 प्रतिशत घटनाओं पर स्वत: कार्रवाई की गई है। उन्होंने कहा कि समाज में हो रही घटनाओं के बारे में आयोग को लिखित रूप से सूचित करने के लिए सामाजिक संगठनों को आगे आना चाहिए ताकि अपराधियों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जा सके.
सांपला ने कहा कि अनुसूचित जाति के लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए उनके कल्याण, विकास और उन्नयन के लिए चलाई जा रही योजनाओं के बारे में जन जागरूकता की जरूरत है.
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री टिकरन जूली और पीडब्ल्यूडी मंत्री भजनलाल जाटवी इस अवसर पर भी मौजूद थे।
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