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जयपुर : द राजस्थान Rajasthan राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) के वरिष्ठ शिक्षक पेपर लीक मामले में पुलिस ने चार्जशीट दाखिल कर दी है।
जांच एजेंसी स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप (एसओजी) ने आरपीएससी सदस्य बाबू लाल कटारा, सरकारी स्कूल के शिक्षक सहित मुख्य दोषियों को गिरफ्तार किया है। Anil मीना, के रूप में भी जाना जाता है शेर सिंह, और भूपेंद्र सरन।
उदयपुर पुलिस ने पिछले साल दिसंबर में पेपर लीक रैकेट का पर्दाफाश किया था, जब उन्होंने छात्रों को चलती बस में परीक्षा के पेपर के साथ गिरफ्तार किया था।
एजेंसी को पता चला कि पेपर लीक करने वाले संदिग्धों की श्रृंखला में कटारा पहले व्यक्ति थे। उन्हें आयोग द्वारा विशेषज्ञों द्वारा प्रश्न तैयार करने और उनकी प्रतियां घर ले जाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। उसका भतीजा विजय फिर एक अलग नोटबुक में प्रश्नों को लिख लिया। इसके बाद कटारा ने इन सवालों को कथित तौर पर मोटी रकम में मीना को बेच दिया। मीना ने बाद में इन सवालों को सरन और को सौंप दिया सुरेश ढाका।
पुलिस ने कहा कि पेपर लीक की साजिश परीक्षा होने से कई हफ्ते पहले शुरू हुई थी। अब तक 60 से अधिक संदिग्धों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि ढाका फरार है। कटारा के भतीजे विजय और ड्राइवर गोपाल को भी कैद किया गया है।
सामान्य ज्ञान (जीके) परीक्षा, जो पिछले साल 24 दिसंबर को होने वाली थी, यह पता चलने के बाद रद्द कर दी गई थी कि परीक्षा से पहले प्रश्नपत्र लीक हो गया था।
अधिकारियों को शुरू से ही अंदेशा था कि परीक्षा कराने वाले आयोग से पेपर लीक हो सकता है।
पुलिस ने यह भी पाया कि मीना कटारा से उसके ड्राइवर गोपाल के जरिए मिली थी। कटारा ने मीना को अजमेर स्थित उनके घर पर सवाल लीक किए।
राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) ने पेपर लीक होने के कारण दिसंबर में वरिष्ठ शिक्षक भर्ती के लिए अपने सामान्य ज्ञान (जीके) के पेपर को रद्द कर दिया था, जब लगभग 3 लाख छात्र प्रभावित हुए थे।
जांच एजेंसी स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप (एसओजी) ने आरपीएससी सदस्य बाबू लाल कटारा, सरकारी स्कूल के शिक्षक सहित मुख्य दोषियों को गिरफ्तार किया है। Anil मीना, के रूप में भी जाना जाता है शेर सिंह, और भूपेंद्र सरन।
उदयपुर पुलिस ने पिछले साल दिसंबर में पेपर लीक रैकेट का पर्दाफाश किया था, जब उन्होंने छात्रों को चलती बस में परीक्षा के पेपर के साथ गिरफ्तार किया था।
एजेंसी को पता चला कि पेपर लीक करने वाले संदिग्धों की श्रृंखला में कटारा पहले व्यक्ति थे। उन्हें आयोग द्वारा विशेषज्ञों द्वारा प्रश्न तैयार करने और उनकी प्रतियां घर ले जाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। उसका भतीजा विजय फिर एक अलग नोटबुक में प्रश्नों को लिख लिया। इसके बाद कटारा ने इन सवालों को कथित तौर पर मोटी रकम में मीना को बेच दिया। मीना ने बाद में इन सवालों को सरन और को सौंप दिया सुरेश ढाका।
पुलिस ने कहा कि पेपर लीक की साजिश परीक्षा होने से कई हफ्ते पहले शुरू हुई थी। अब तक 60 से अधिक संदिग्धों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि ढाका फरार है। कटारा के भतीजे विजय और ड्राइवर गोपाल को भी कैद किया गया है।
सामान्य ज्ञान (जीके) परीक्षा, जो पिछले साल 24 दिसंबर को होने वाली थी, यह पता चलने के बाद रद्द कर दी गई थी कि परीक्षा से पहले प्रश्नपत्र लीक हो गया था।
अधिकारियों को शुरू से ही अंदेशा था कि परीक्षा कराने वाले आयोग से पेपर लीक हो सकता है।
पुलिस ने यह भी पाया कि मीना कटारा से उसके ड्राइवर गोपाल के जरिए मिली थी। कटारा ने मीना को अजमेर स्थित उनके घर पर सवाल लीक किए।
राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) ने पेपर लीक होने के कारण दिसंबर में वरिष्ठ शिक्षक भर्ती के लिए अपने सामान्य ज्ञान (जीके) के पेपर को रद्द कर दिया था, जब लगभग 3 लाख छात्र प्रभावित हुए थे।
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