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संगोष्ठी में एक मुख्य भाषण, पूर्ण चर्चा, प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों से आमंत्रित वार्ता, और शोध विद्वानों और अन्य उपस्थित लोगों से मौखिक और पोस्टर प्रस्तुतियां शामिल हैं।
प्लाज्मा विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में काम कर रहे युवा वैज्ञानिकों को संगोष्ठी में प्रसिद्ध भारतीय प्लाज्मा वैज्ञानिकों के साथ बातचीत करने और अपना शोध प्रस्तुत करने का अवसर मिला है।
वैज्ञानिक, प्रौद्योगिकीविद् और इंजीनियर सीमांत क्षेत्रों में प्लाज्मा विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विभिन्न पहलुओं पर अनुसंधान और विकास कर रहे हैं। इनमें फ्यूजन रिसर्च, लेबोरेटरी प्लाज्मा रिसर्च, रक्षा अनुसंधानअंतरिक्ष अनुसंधान, सामग्री विज्ञान, खाद्य विज्ञान, स्वास्थ्य, कृषि, आदि।
प्लाज्मा-2022 की थीम: प्लाज्मा टेक्नोलॉजीज सतत विकास के लिए
यह दृढ़ विश्वास है कि अत्याधुनिक प्लाज्मा प्रौद्योगिकियां FEAR (यानी, खाद्य/स्वास्थ्य, ऊर्जा और कृषि पुनर्प्राप्ति) के लिए समाधान प्रदान कर सकती हैं। संगोष्ठी के दायरे में बुनियादी प्लाज्मा भौतिकी के साथ-साथ प्लाज्मा प्रौद्योगिकी में महत्वपूर्ण प्रगति शामिल है।
प्लाज्मा-2022 में शामिल विषय
परमाणु संलयन और प्रौद्योगिकी, औद्योगिक प्लाज्मा अनुप्रयोग, लेजर प्लाज्मा, प्लाज्मा प्रसंस्करणअंतरिक्ष और एस्ट्रोफिजिकल प्लाज़्मा, बेसिक प्लाज़्मा, क्रॉस-डिसिप्लिनरी, विदेशी प्लाज्मा (समेत धूल भरा प्लाज्मा), प्लाज्मा डायग्नोस्टिक्सस्पंदित शक्ति, सिद्धांत और प्लाज्मा में सिमुलेशन।
संगोष्ठी में कुल 12 सत्र हैं, जिनमें नौ मौखिक सत्र और तीन पोस्टर सत्र शामिल हैं। मुख्य भाषण, पूर्ण वार्ता, 16 आमंत्रित वार्ता, 27 मौखिक प्रस्तुतियाँ, बुटी यंग साइंटिस्ट अवार्ड, PSSI के विशिष्ट पुरस्कार और 440 पोस्टर प्रस्तुतियों सहित कुल मिलाकर लगभग 490 प्रस्तुतियाँ हैं।
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