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नई दिल्ली। अभिनेता परेश रावल (Paresh Rawal) की मुसीबत अब और भी बढ़ रही है। दरअसल, उन्हें अब कोलकाता पुलिस (Kolkata Police) ने आगामी 12 दिसंबर को पूछताछ के लिए बुलाया है. जहरब है कि, भाजपा नेता ने चुनावी रैली में बंगालियों पर एक टिप्पणी की थी। हालांकि उन्होंने अपने बयान के लिए बाद में जोक मांग ली थी। इसी मामले में पूर्व सांसद और माकपा नेता मोहम्मद सलीम ने अभिनेता परेश रावल के खिलाफ पुलिस शिकायत दर्ज कराई थी।
दरअसल सलीम ने आरोप लगाया था कि, रावल की टिप्पणी का फैसला था और “दंगे भड़का सकता है और बंगाली और अन्य समुदायों के बीच सद्भाव को नष्ट कर सकता है।” अपनी शिकायत में सलीम ने कहा है, “बड़ी संख्या में बंगाली राज्य की सीमा के बाहर रहते हैं। मुझे इस बात का डर है कि परेश रावल के भद्दे के कारण उनमें से कई को पूर्वाग्रह से बनाया जाएगा और प्रभावित किया जाएगा।”
वहीं अन्य मीडिया रिपोर्ट्स का संदेश तो, रावल के खिलाफ IPC की धारा 153 (दंगा भड़काने के इरादे से उकसाना), 153A (विभिन्न प्रकार के बीच शत्रुओं को बढ़ावा देना), 153B (भाषा या जातीयता के अधिकारों से सचेत करना), 504 (भड़काने के इरादे से नज़रंदाज़) के तहत 505 की एफआईआर दर्ज की गई है।
वास्तव में गुजरात में हुई एक रैली के दौरान परेश रावल ने कहा था कि, गुजरात के लोगों को मुद्रा को तो छोड़ देंगे, लेकिन ‘बांग्लादेशियों और रोहिंग्या’ को अपने पड़ोस में नहीं। इसके साथ ही परेश रावल ने ‘मछलीकरण’ को एक वाक्य के रूप में भी इस्तेमाल किया, इसके बाद से ही उनके इस विवाद पर दावेदारी का आरोप लगा है।
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