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मुंबई: रामानंद सागर के मेगा सीरियल ‘रामायण’ की सीता की कहानी में दीपिका चिखलिया को घर-घर में इतना लोकप्रिय बना दिया था कि आते-जाते लोग उनके पैर छूकर आशीर्वाद लेते थे। दीपिका ने भी अपनी इस छवि को कायम रखते हुए अभिनय को अलविदा कह दिया था। 29 अप्रैल, 1965 को मुंबई के एक गुजराती परिवार में जन्मी दीपिका आज अपना 58वां जन्मदिन मना रही है। इस स्पॉट पर आइए जानते हैं उनके बारे में कुछ खास बातें।।
बी ग्रेड अभिनेत्री का मिला तमगा
दीपिका चिखलिया ने साल 1983 में फिल्म ‘सुन मेरी लैला’ से फिल्मी दुनिया में कदम रखा था। उन्होंने ‘दस करोड़’, ‘घर का चिराग’ और ‘खुदाई’ जैसी फिल्मों में काम किया। 1986 में दीपिका तब सुर्खियों में आ गईं, जब उन्होंने ‘चीख’ में बेहद बोल्ड सीन के जरिए सनसनी मचा कर रख दी। अगले ही साल फिल्म ‘रात के अंधेरे में’ बोल्ड सीन देकर उन्होंने बीग्रेड की एक्ट्रेस का तमागा हासिल कर लिया। दीपिका की इन फिल्मों को लेकर काफी आलोचना भी हुई।
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रामायण सीरियल से मिला सम्मान
हालांकि यह फिल्में वे पहले रामायण करने वाले थे, लेकिन इसके लिए उन्हें काफी बुरा-भला कहा गया। जब रामायण में उन्हें सीता के रोल में कास्ट किया गया, तो इस बात को लेकर जबरदस्ती बेताब था। लोग अपनी छवि के कारण इस रोल में स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं थे। लेकिन रामानंद सागर ने किसी की एक ना सुनी और अपनी बात पर अडिग रहे। इस शो के प्रसारण के बाद दीपिका घर-घर में पूज्य हो गए।
राजनीति में भी सक्रिय थी दीपिका
‘रामायण’ के होते ही दीपिका के पर्दे गिरते हुए हो गए। लाइमलाइट से दूर रहने वाले दीपिका को रामायण के बाद भी कई धार्मिक रोल किए जा रहे थे। लेकिन दीपिका ने वर्कशॉप मना कर दिया और अभी उनकी एक्टिंग की दुनिया में वापसी का इरादा नहीं है। वे बीजेपी के टिकट पर 1991 में वडोदरा से लोकसभा चुनाव जीते थे, पर कुछ वर्षों में उनकी राजनीति से भी मोहभंग हो गया। अभी दीपिका सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं और आए दिन अपना दिलचस्प वीडियो शेयर करती रहती हैं।
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