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आखरी अपडेट: 11 जनवरी, 2023, 20:34 IST

रेलवे अधिकारी उन सभी स्लीपर कोच को नियमित कोच में तब्दील करने की सोच रहे हैं।
रेलवे बोर्ड ने भारतीय रेलवे के सभी मंडलों से अनुरोध किया है कि वे उन ट्रेनों के बारे में जानकारी एकत्र करें जिनके स्लीपर क्लास के डिब्बे कुल बर्थ के 80 प्रतिशत से कम भरे हुए हैं।
क्या आपने कभी सोचा है कि आप लंबी दूरी की ट्रेनों में स्लीपर कोच में सामान्य श्रेणी के टिकट पर बिना किसी पेनल्टी के यात्रा कर सकते हैं? यह जल्द ही एक वास्तविकता बन सकती है भारतीय रेल इसे लेकर एक नई पहल की घोषणा करने की संभावना है। सर्दी के चलते यात्री स्लीपर कोच की जगह एसी कोच का चुनाव कर रहे हैं। इसके चलते स्लीपर कोच में एसी कोच की बर्थ खाली रहने की मांग बढ़ गई है। वहीं, सामान्य वर्ग में टिकट की बुकिंग बढ़ गई है।
इस परिदृश्य में रेलवे बोर्ड ने सामान्य टिकट धारकों के लिए खाली स्लीपर कोचों का उपयोग करने का निर्णय लिया है।
रेलवे बोर्ड ने भारतीय रेलवे के सभी मंडलों से अनुरोध किया है कि वे उन ट्रेनों के बारे में जानकारी एकत्र करें जिनके स्लीपर क्लास के कोच कुल बर्थ के 80 प्रतिशत से कम भरे हुए हैं।
यात्रियों के लिए यात्रा को आसान बनाने के लिए रेलवे अधिकारी उन सभी स्लीपर कोच को नियमित कोच में बदलने की सोच रहे हैं। सामान्य कोच में तब्दील होने के बाद इन कोचों में मिडिल बर्थ को खोलने की अनुमति नहीं दी जाएगी, हालांकि अनारक्षित सीटों को अब ऐसे कोचों के बाहर चिह्नित किया जाएगा।
यह पहली बार नहीं है जब भारतीय रेलवे ने इस तरह की पहल की है, इससे पहले महामारी के दौरान मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों के सामान्य डिब्बों में अनारक्षित यात्री सेवाओं को पूर्व मध्य रेलवे द्वारा बहाल किया गया था। पूर्व मध्य रेलवे ने विशेष रूप से आर्थिक रूप से वंचित क्षेत्रों के यात्रियों को बेहतर सेवा देने के लिए यह विकल्प चुना है।
अब सामान्य कोच में सफर करने के इच्छुक यात्री स्लीपर कोच में बिना रिजर्वेशन के भी ट्रेन में चढ़ सकेंगे। वे उन कोचों में सीटों पर कब्जा कर सकते हैं जहां सामान्य श्रेणी के यात्रियों के लिए खाली बर्थ उपलब्ध हैं। ऐसे निर्धारित शयनयान डिब्बों में चढ़ने वाले यात्रियों को कोई जुर्माना या अतिरिक्त राशि नहीं देनी होगी। इस फैसले से नियमित बोगियों में सफर करने वाले हजारों नियमित यात्रियों को फायदा होगा।
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