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पिछले कुछ वर्षों के दौरान ड्राइवरों के बीच मोबाइल फोन का उपयोग यातायात सुरक्षा के लिए एक बड़ा जोखिम बन गया है। ड्राइविंग के दौरान मोबाइल फोन का इस्तेमाल लगातार जान ले रहा है। समाचार एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2021 में कुल 1,997 सड़क हादसे वाहन चालकों द्वारा वाहन चलाते समय मोबाइल फोन के इस्तेमाल के कारण हुए। इन दुर्घटनाओं ने 1,040 लोगों की जान ले ली सड़क परिवहन मंत्रालय और राजमार्ग (एमओआरटीएच) की रिपोर्ट। ‘भारत में सड़क दुर्घटनाएं- 2021’ शीर्षक वाली रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि 555 सड़क दुर्घटनाएं लाल बत्ती कूदने के कारण हुईं, जिसमें 2021 में 222 लोगों की जान गई। 2021 में कुल 4,12,432 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 1,1 का दावा किया गया 53,972 की जान गई जबकि 3,84,448 लोग घायल हुए।
वाहन चलाते समय मोबाइल का उपयोग करने के लिए ठीक है
वाहन चलाते समय मोबाइल फोन का उपयोग करना दंडनीय अपराध है। मोटर व्हीकल एक्ट के मुताबिक अगर कोई गाड़ी चलाते समय फोन पर बात करते हुए पकड़ा जाता है तो उसके लिए 5000 रुपये का जुर्माना है। पहले यह 1000 रुपये था, इसे साल 2020 में पांच गुना बढ़ा दिया गया। मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम का एक हिस्सा। यह मुख्य रूप से चालकों को वाहन चलाते समय मोबाइल फोन का उपयोग करने से हतोत्साहित करने के उद्देश्य से किया गया था।
वाहन चलाते समय मोबाइल का उपयोग करने के लिए ठीक है
वाहन चलाते समय मोबाइल फोन का उपयोग करना दंडनीय अपराध है। मोटर व्हीकल एक्ट के मुताबिक अगर कोई गाड़ी चलाते समय फोन पर बात करते हुए पकड़ा जाता है तो उसके लिए 5000 रुपये का जुर्माना है। पहले यह 1000 रुपये था, इसे साल 2020 में पांच गुना बढ़ा दिया गया। मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम का एक हिस्सा। यह मुख्य रूप से चालकों को वाहन चलाते समय मोबाइल फोन का उपयोग करने से हतोत्साहित करने के उद्देश्य से किया गया था।
के मुताबिक सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, मोबाइल फ़ोन का उपयोग ड्राइविंग करते समय केवल रूट नेविगेशन के लिए किया जा सकता है और कुछ नहीं। वह भी बिना ‘ड्राइविंग करते समय चालक की एकाग्रता’ को भंग किए बिना।
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अन्य प्रमुख संख्याएँ
रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2021 में गड्ढों के कारण दुर्घटनाओं और मौतों की कुल संख्या क्रमशः 3,625 और 1,481 थी। मंत्रालय की रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि सड़क दुर्घटनाएं बहु-कारणीय होती हैं जिसके लिए सभी एजेंसियों के ठोस प्रयासों के माध्यम से समस्याओं को कम करने के लिए बहु-आयामी उपायों की आवश्यकता होती है। इनमें केंद्र और राज्य दोनों सरकारें शामिल हैं।
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