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नई दिल्ली/मुंबई। महाराष्ट्र से मिली बड़ी खबर के मुताबिक, अब बॉम्बे हाईकोर्ट (बॉम्बे हाई कोर्ट) ने सांगली की अदालत (सांगली कोर्ट) के एक आदेश को पिछले गुरूवार को खारिज कर दिया। ज़ोटेब है कि इस आदेश के तहत, महाराष्ट्र नव निर्माण सेना (एमएनएस) के पार्टी नामांकन द्वारा 2008 में आयोजित विरोध प्रदर्शन के मामले में आरोपों से मुक्त होने वाले सहयोगी पार्टी अध्यक्ष राज ठाकरे (राज ठाकरे) की अर्ज़ी फ़ैसला कर दिया गया था।
लेकिन पिछले बुधवार को अमित ब्रोकर की अदालत ने दक्षिण पूर्व महाराष्ट्र की सांगली जिले में स्थित इस्लामपुर के मुकदमे में मुकदमा दायर करने का निर्देश दिया कि वह ठाकरे के आरोप से मुक्त होने की अर्जी पर फिर नए सिरे से सुनवाई करें।
कब हुए थे राज ठाकरे गिरफ्तार
जानकारी हो कि, महाराष्ट्र में रह रहे उत्तर भारतीयों ने अपनी पार्टी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है, राज ठाकरे को 21 अक्टूबर 2008 को रत्नागिरी में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। दरअसल, अन्य फर्जी द्वारा यह दावा किया गया था कि, राज ठाकरे उत्तर भारतीय ‘भूमि पुत्रों’ को राज्य में नौकरी से बदल रहे हैं।
वहीं ठाकरे की गिरफ्तारी के बाद मुंबई, जलगांव, औरंगाबाद और राज्य के अलग-अलग हिस्सों में दंगे भड़क उठे। साथ ही तब से इन सभी मामलों में 54 साल के ठाकरे और उनके घावों के खिलाफ कई एफआईआर दर्ज की गई थीं।
राज ठाकरे ने साल 2013 में वहां के जज कोर्ट में आरोप मुक्त करने की अर्जी दायर की थी, जिसे मजिस्ट्रेट कोर्ट ने तुरंत ही खारिज कर दिया और आरोप तय करने के लिए राज ठाकरे को एक नया समन जारी किया था। इसके बाद मनसे और ठाकरे ने सत्र का रुख किया, लेकिन वहां से भी राहत नहीं मिलने पर उन्होंने फिर हाईकोर्ट का रुख किया। इनमें अब नए सुनने वाले सुनेंगे।
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