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नई दिल्ली। एक बड़ी खबर के अनुसार दिल्ली हाईकोर्ट में एक मामले की सुनवाई में केंद्र की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने माना कि मार्च 2022 में ब्रह्मोस मिसाइल (ब्रह्मोस मिसाइल) मिसफायर होने से पाकिस्तान के साथ बड़ा युद्ध हो सकता है। दरअसल HC, Indian Air Force (Indian Airforce) के एक पूर्व अधिकारी की याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसकी सेवा ब्रह्मोस मिसफायर घटना के संबंध में उसी समय समाप्त कर दी गई थी।
उसी समय मामले पर केंद्र की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा ने पिछले गुरुवार को कोर्ट में बताया कि मिसफायर होने के कारण पाकिस्तान के साथ युद्ध हो सकता है। उन्होंने कहा कि इस घटना ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने भारत की स्थिति को उजागर कर दिया था।
गलती से मिसफायर हुई ‘ब्रह्मोस’
दरअसल बीते 9 मार्च, 2022 को एक गलती से एक ब्रह्मोस मिसाइल दागी गई थी और पाकिस्तान की सीमा में इसकी तस्वीर जा रही थी। उसी समय कोर्ट ऑफ इंक्वायरी (सीओआई) ने पाया कि उनके संचालन नियम (एसओपी) से मानक ठहराव के कारण आग नहीं लगी। इसके बाद IAF के तीन अधिकारियों की सेवाएं समाप्त कर दी गईं।
जब IAF ऑफिसर ने दायर की याचिका
इसी मामले में फिर से भारतीय वायुसेना के अधिकारियों में से एक ने अपनी बर्खास्तगी को लेकर अदालत का रुख किया था। वहीं IAF अधिकारियों की याचिका में कहा गया है कि, ये कैजुअल्टी 2403 गाइडेड वेपन्स स्क्वाड्रन की ‘ए’ फ्लाइट द्वारा किए गए सीलिंग प्रयोग के दौरान एक कमांड एयर स्टाफ इंस्पेक्शन टीम द्वारा निर्धारित निरीक्षण दौरे के हिस्से के रूप में हुआ।
IAF ऑफिसर का अनुरोध
इसके साथ ही IAF ऑफिसर ने कहा कि, घटना के दिन वह स्क्वाड्रन में एक इंजीनियरिंग अधिकारी के रूप में तैनात थे। उन्होंने साथ ही यह तर्क दिया कि, उन्हें केवल अपने कर्तव्यों के लिए पेशेवर और व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया गया था जो विशुद्ध रूप से रखरखाव प्रकृति के थे। उन्होंने आगे कहा कि एक इंजीनियरिंग अधिकारी के रूप में उन्हें कभी भी ऑपरेशन का प्रशिक्षण नहीं दिया गया।
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