[ad_1]
जैसलमेर : भारतीय सशस्त्र बलों की फायरिंग पावर को और मजबूत करने वाले ड्रोन सिस्टम का सफल परीक्षण कहाँ किया गया? पोखरणी डीआरडीओ द्वारा फील्ड फायरिंग रेंज।
टाटा एडवांस डिफेंस सिस्टम लिमिटेड गुरुवार और शुक्रवार को 50 वफादारी गोला बारूद ड्रोन सिस्टम का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। 50 एएलएस स्वायत्त ऊर्ध्वाधर लैंडिंग और टेक-ऑफ सिस्टम और अन्य सुविधाओं के साथ छद्म लक्ष्यों पर सटीक रूप से फायर किया गया।
अब तक, इस तरह की लॉयल्टी ड्रोन गोला बारूद प्रणाली का आयात किया जाता था इजराइल लेकिन अब इसे मेक इन इंडिया के तहत भारत में बनाया जा रहा है।
आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार टाटा एडवांस डिफेंस सिस्टम लिमिटेड द्वारा निर्मित पोखरण फील्ड फायरिंग रेंज में 50 गोला-बारूद ड्रोन सिस्टम का परीक्षण किया गया।
एएलएस 50 नाम के ड्रोन ने जमीन पर सटीक फायरिंग की और दुश्मन के ठिकाने की तलाशी कर और लंबी दूरी तय करके सटीकता से फायरिंग कर उन्हें ध्वस्त कर सकते हैं। इसका उपयोग संकरी घाटियों, पहाड़ियों, जंगलों में आसानी से किया जा सकता है और आसानी से उड़ान भर सकता है और उतर सकता है।
ड्रोन एक चतुर्भुज की तरह उड़ान भरता है और निश्चित पंखों के कारण अधिक प्रभावी होता है और दुश्मन के मिसाइल लांचर, सैन्य प्रतिष्ठान, कमांड पोस्ट, गोला बारूद डंप आदि पर हमला करके नष्ट करने की क्षमता रखता है।
टाटा एडवांस डिफेंस सिस्टम लिमिटेड गुरुवार और शुक्रवार को 50 वफादारी गोला बारूद ड्रोन सिस्टम का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। 50 एएलएस स्वायत्त ऊर्ध्वाधर लैंडिंग और टेक-ऑफ सिस्टम और अन्य सुविधाओं के साथ छद्म लक्ष्यों पर सटीक रूप से फायर किया गया।
अब तक, इस तरह की लॉयल्टी ड्रोन गोला बारूद प्रणाली का आयात किया जाता था इजराइल लेकिन अब इसे मेक इन इंडिया के तहत भारत में बनाया जा रहा है।
आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार टाटा एडवांस डिफेंस सिस्टम लिमिटेड द्वारा निर्मित पोखरण फील्ड फायरिंग रेंज में 50 गोला-बारूद ड्रोन सिस्टम का परीक्षण किया गया।
एएलएस 50 नाम के ड्रोन ने जमीन पर सटीक फायरिंग की और दुश्मन के ठिकाने की तलाशी कर और लंबी दूरी तय करके सटीकता से फायरिंग कर उन्हें ध्वस्त कर सकते हैं। इसका उपयोग संकरी घाटियों, पहाड़ियों, जंगलों में आसानी से किया जा सकता है और आसानी से उड़ान भर सकता है और उतर सकता है।
ड्रोन एक चतुर्भुज की तरह उड़ान भरता है और निश्चित पंखों के कारण अधिक प्रभावी होता है और दुश्मन के मिसाइल लांचर, सैन्य प्रतिष्ठान, कमांड पोस्ट, गोला बारूद डंप आदि पर हमला करके नष्ट करने की क्षमता रखता है।
[ad_2]
Source link