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रायपुर। छत्तीसगढ़ (छत्तीसगढ़) सरकार ने दोषी अभियोग की नई नीति में शहीदों के परिजनों को कृषि भूमि खरीदने के लिए 20 लाख रुपये और घायल सील को कारण होने पर कृत्रिम अंग प्रदान करने का प्रस्ताव किया है। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि इसमें परिवार से संबंधित व्यक्ति की निर्भरता के मामले में मृत्यु प्रकरण में अनुकम्पा नियुक्ति की पद्धति पर शासकीय सेवा प्रदान करने का भी प्रावधान किया गया है।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई कैबिनेट की बैठक में अभियोग की नई नीति को मंजूरी दी गई। अधिकारियों ने बताया कि उन्मूलन की नई नीति शासन की विकास, विश्वास और सुरक्षा की त्रिवेणी कार्य योजना पर आधारित है। उन्होंने बताया कि इस नीति में विभिन्न संबंध शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार आदि क्षेत्रों में जाने वाले कार्यों और कार्यों का उल्लेख किया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि नई नीति के तहत पुलिस बल के शहीदों के परिजनों को अतिरिक्त राहत राशि के रूप में 20 लाख रुपये की कृषि राशि भूमि पर्यवेक्षण करने के लिए दी जाएगी तथा तीन वर्ष में कृषि भूमि निगरानी करने पर दो एकड़ भूमि तक के लिए स्टैम्प ड्यूटी और पंजीयन शुल्क में छूट की पेशकश की जाएगी। घायल होने पर गंभीर होने पर कृत्रिम अंग प्रदान करने की व्यवस्था भी की जाएगी। उन्होंने बताया कि दोषमुक्ति नीति में अभियोग, अभियुक्तों के स्वतंत्र और आत्मसमर्पण करने वाले आश्रितों के पुनर्वास के लिए प्रावधान किया गया है।
उन्होंने बताया कि पुनर्वास के फैसले के लिए जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समिति का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि वहीं कुछ भी होने पर राज्य स्तर पर ऊपरी मुख्य सचिव या गृह सचिव की अध्यक्षता में समिति बनाई जाती है। उन्होंने बताया कि पुनर्वास के लिए विभिन्न समूहों द्वारा कई प्रकार के लाभ और व्यवस्था का प्रावधान किया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि बयानों द्वारा हत्या किए जाने, घायल होने और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर दिए गए दावों की वजह से जिम्मेवार राशि में दो कारण बताए गए हैं। इसके अनिवार्य होने पर कृत्रिम अंग समाज कल्याण विभाग द्वारा प्रदान किया जाएगा। उन्होंने बताया कि परिवार में कमाने वाले व्यक्ति की पत्नी की हत्या करने वाले मामले में अनुकंपा नियुक्ति की तर्ज पर शासकीय सेवा प्रदान की जाएगी।
उन्होंने कहा कि यदि शासकीय सेवा तब कृषि भूमि पर्यवेक्षण के लिए 15 लाख रुपये की अतिरिक्त राशि दी जाएगी और तीन वर्ष में कृषि भूमि पर्यवेक्षण करने पर दो एकड़ तक भूमि पर स्टाम्प शुल्क या पंजीयन शुल्क में छूट दी जाएगी। अधिकारियों ने बताया कि यदि कोई समर्पण हथियार के साथ आत्मसमर्पण करता है तो उसे प्रति कारतूस पांच रुपये के स्थान पर 50 रुपये दिए जाएंगे। अधिकारियों ने बताया कि प्रत्येक व्यक्ति को समर्पण करने पर प्रोत्साहन के लिए 25 हजार रुपये की राशि दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि पांच लाख या अधिक के इनामी हथियार को आत्मसमर्पण करने पर 10 लाख की राशि अलग से दी जाएगी (यह राशि उनकी ऊपर घोषित इनाम राशि और समर्पण हथियार के अतिरिक्त होगी)। अधिकारियों ने बताया कि यह राशि बैंकों में जमा होगी और इसका पात्रता पात्रता को दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि तीन साल बाद उनके आचरण की समीक्षा के बाद ये राशि प्रदान की जाएगी।
उन्होंने बताया कि यदि तीन साल के भीतर आत्मसमर्पण करने वाला कृषि भूमि पर्यवेक्षण करता है तो उसे दो एकड़ तक भूमि पर स्टाम्प शुल्क और पंजीयन शुल्क में छूट दी जाएगी। उन्होंने बताया कि नई नीति में अन्य राज्यों के पीड़ित व्यक्ति को लहंगा के लिए भी चित्रित किया गया है। उन्होंने कहा कि यदि कोई नागरिक या आत्मसमर्पण करने वाला व्यक्ति विरोधी अभियान में पुलिस को विशेष सहयोग देता है और इससे उसकी सुरक्षा को खतरा होता है तब ऐसे मामलों में पुलिस महानिरीक्षक उसे पुलिस विभाग में कई पदों पर भर्ती कर सकते हैं।
अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ अभियान उन्मूलन नीति लागू होने की तारीख से पांच साल तक प्रभावी रहेगी। अधिकारियों ने बताया कि राज्य में स्वतंत्र आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति और आश्रित हिंसा के लिए मुआवजे का प्रावधान है, लेकिन पहली बार इसके लिए व्यापक नीति का मसौदा तैयार किया गया है। अधिकारी ने कहा कि नीति को राज्य विधानसभा के चालू सत्र में पेश किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसे दो महीने में लागू करने की उम्मीद है।
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