[ad_1]
नयी दिल्ली, 12 दिसंबर (भाषा) राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी को जिम्मेदारी आउटसोर्स करने के तीन साल बाद जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय अगले शैक्षणिक सत्र से पीएचडी प्रवेश के लिए आंतरिक प्रवेश परीक्षा फिर से शुरू करेगा। कुलपति संतश्री डी पंडित ने सोमवार को यह घोषणा की।
पंडित ने कहा कि बहुमत की राय इस पक्ष में थी कि प्रवेश पिछले पैटर्न के माध्यम से आयोजित किए जाएं।
छात्र और शिक्षक मांग कर रहे हैं कि विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा आयोजित करने की जिम्मेदारी फिर से ले।
पंडित ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, “हम पीएचडी प्रवेश के लिए जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा पर वापस जाएंगे क्योंकि बहुमत की राय है कि पीएचडी के लिए महत्वपूर्ण विश्लेषण महत्वपूर्ण है; एमसीक्यू इसकी अनुमति नहीं देता है।”
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) पिछले तीन साल से परीक्षा करा रही थी। पीएचडी कार्यक्रमों में प्रवेश पाने के इच्छुक उम्मीदवारों को कंप्यूटर आधारित टेस्ट में शामिल होना था।
पिछले वर्ष के दौरान, शिक्षकों और छात्रों ने NTA के नेतृत्व वाली परीक्षा की समस्याओं पर प्रकाश डाला।
इस साल की शुरुआत में, जेएनयू शिक्षक संघ ने एक बयान में आरोप लगाया था कि विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित पीएचडी कार्यक्रमों में दाखिले बेहद घटिया तरीके से किए जा रहे हैं।
जेएनयू छात्र संघ ने विश्वविद्यालयों की अकादमिक स्वायत्तता बहाल करने और परीक्षा आयोजित करने की जिम्मेदारी विश्वविद्यालय को वापस देने की मांग को लेकर प्रदर्शन भी किया था।
[ad_2]
Source link