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न्यायमूर्ति महेंद्र गोयल की एकल पीठ ने होमगार्ड समन्वय समिति, जयपुर की एक याचिका पर यह आदेश जारी किया.

याचिकाकर्ता के वकील अभिनव शर्मा ने अदालत को बताया कि होमगार्ड विभाग द्वारा अवैध रूप से 100 करोड़ रुपये से अधिक का कोष बनाया गया है, जिसका योगदान राज्य के 26,000 होमगार्डों से सालाना एकत्र किया जाता है. याचिका में कहा गया है कि इस फंड को प्रोविडेंट फंड में ट्रांसफर करने के लिए बाध्य होने के बावजूद सरकार की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.
भविष्य निधि विभाग ने यह भी जवाब दिया कि भविष्य निधि अधिनियम के अनुपालन के लिए एक दशक से अधिक समय से राज्य सरकार से पत्राचार किया जा रहा है और पीपीएफ में राशि जमा नहीं करने पर कानून में जुर्माने का प्रावधान है.
कोर्ट को बताया गया है कि होमगार्ड विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी नाममात्र की राशि देकर कल्याण कोष के सदस्य बन गए हैं और जमा की गई राशि का उपयोग विभाग में फर्नीचर की खरीद, शेड निर्माण, गणतंत्र दिवस कार्यक्रमों आदि में किया जाता है.
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