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आखरी अपडेट: 01 मई, 2023, 14:30 IST

देश में व्यापक बारिश के कारण इस साल मार्च में बिजली की खपत भी प्रभावित हुई थी। (फाइल फोटो/न्यूज18)
देश में व्यापक बारिश के कारण इस साल मार्च में बिजली की खपत भी प्रभावित हुई थी
इस साल अप्रैल में भारत की बिजली खपत लगातार दूसरे महीने 1.1 प्रतिशत घटकर 130.57 बिलियन यूनिट रह गई, क्योंकि देश में व्यापक बारिश ने लोगों को पिछले वर्ष की तुलना में कम शीतलन उपकरणों का उपयोग करने के लिए प्रेरित किया।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, एक साल पहले की अवधि में, बिजली की खपत 132.02 बिलियन यूनिट (बीयू) थी, जो अप्रैल 2021 में 117.08 बीयू से अधिक थी।
देश में व्यापक बारिश के कारण इस साल मार्च में बिजली की खपत भी प्रभावित हुई थी। समीक्षाधीन महीने के दौरान यह एक साल पहले 128.47 बीयू से घटकर 126.82 बीयू रह गया।
जानकारों का कहना है कि अगर मार्च और अप्रैल में बारिश नहीं होती तो दो महीने में बिजली की खपत में अच्छी बढ़ोतरी होती। विशेषज्ञों के मुताबिक बारिश से बिजली की मांग में कमी आई है क्योंकि लोगों ने पिछले साल की तुलना में कम कूलिंग उपकरणों का इस्तेमाल किया।
इसके अलावा, विशेषज्ञों को उम्मीद है कि आर्थिक गतिविधियों में और सुधार के साथ-साथ इस गर्मी के मौसम में तापमान में वृद्धि के कारण बिजली की खपत और मांग मई के बाद बढ़ेगी।
आंकड़ों से पता चलता है कि पीक बिजली की मांग पूरी हुई, जो एक दिन में सबसे अधिक आपूर्ति है, जो अप्रैल 2023 में बढ़कर 215.88 GW हो गई। अप्रैल 2022 में पीक पावर सप्लाई 207.23 GW और अप्रैल 2021 में 182.37 GW रही।
बिजली मंत्रालय के अनुमान के मुताबिक, इस गर्मी के मौसम में पीक बिजली की मांग 229 गीगावॉट तक पहुंचने की उम्मीद है।
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(यह कहानी News18 के कर्मचारियों द्वारा संपादित नहीं की गई है और एक सिंडिकेटेड समाचार एजेंसी फीड से प्रकाशित हुई है)
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